Tuesday, Oct 03, 2023
-->
not-only-land-pooling-the-emphasis-of-the-ministry-on-making-affordable-housing-in-ncr

लैंड पूलिंग ही नहीं, एनसीआर में भी किफायती आवास बनवाने पर मंत्रालय का जोर

  • Updated on 10/31/2021


नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।  केंद्र सरकार 2022 तक सभी को आवास के संकल्प को पूरा करने के लिए किफायती आवास को लेकर विशेष ध्यान दे रही है। यही कारण भी है कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की तरफ से डीडीए के अलावा प्राइवेट डेवलपरों को भी इस दिशा में काम करने के लिए कहा है। बताया जाता है कि दिल्ली में लैंड पूलिंग परियोजना में करीब 109 डेवलपर इस कार्य में जुटने को तैयार हैं, वहीं गुडग़ांव, फरीदाबाद, सोनीपत, नोएडा, ग्रेटर नोएडा गाजियाबाद जैसे एनसीआर से सटे इलाकों में भी लगभग 33 से ज्यादा डेवलपर स्थानीय विभाग के समक्ष अपने आवेदन दे चुके हैं। इनमें कई बड़े व छोटे ग्रुप शामिल हैं।

डीडीए के अलावा प्राइवेट डेवलपरों को मिल सकता है अतिरिक्त एफएआर 

दरअसल कोरोना से पूर्व कई बड़े प्रोजेक्ट्स को जल्द तैयार कराने के लिए सरकारी स्तर पर कई तरह की सुविधाएं डेवलपरों को देने की घोषणा भी हुई थी। इसमें किफायती आवास तैयार करने वालों को अतिरिक्त एफएआर देने की भी योजना शामिल है। डेवलपरों से जुड़ी संस्था क्रेडाई एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मौजूदा समय में गुडग़ांव जैसे महंगे शहर अथवा दिल्ली, फरीदाबाद में अगर किफायती आवास 30 से 35 लाख के बीच तैयार हो तो यह लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। रॉयल ग्रीन रियल्टी के नाम से प्रोजेक्ट के लिए रेरा के समक्ष आवेदन करने वाले डेवलपर यशांक वासन का कहना है कि किफायती आवास की जरूरत हमेशा से बनी हुई है। सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधा और प्रधानमंत्री आवास योजना के कारण इस दिशा में काम करना अपेक्षाकृत सरल हो गया है। उन्होंने कहा कि गुडगांव के अलावा फरीदाबाद, जझर और इंदौर तक में किफायती हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए काफी गुंजाइश है। उन्होंने माना कि कोरोना महामारी के बाद जैसे जैसे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है उसी के अनुसार रियल स्टेट क्षेत्र में भी सुधार होने लगा है। 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में चौथे दिन बढ़ोतरी, भाजपा शासित मप्र में पेट्रोल 120 रुपये के पार 

हाल में आए आकड़ों के अनुसार करीब 37 फीसदी से अधिक खरीदार किफायती आवास को लेकर उत्सुक हैं। जबकि कुल मांग लगभग 52 फीसदी है। किफायती सेगमेंट की मांग बढ़ी है।  मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि योजना है बाहर से आकर काम करने वालों को सस्ती दर पर बेहतर सुविधा वाले आवास उपलब्ध कराए जा सकें। इसके लिए दिल्ली-एनसीआर में विशेषतौर पर सरकारी संस्थाओं के अलावा प्राइवेट डेवलपरों को भी इस दिशा में काम करने को कहा है। कई कॉपरेटिव संस्थाओं के अधीन बनी हुई पुरानी सोसायटी को भी नए कलेवर देने को लेकर योजना बनाई जा रही है। 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.