नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हाथरस की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 27 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप हैं। यह जानकारी जुबैर के अधिवक्ता ने दी। मोहम्मद जुबैर को बृहस्पतिवार दोपहर भारी सुरक्षा के बीच हाथरस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवकुमारी के सामने पेश किया गया। अदालत ने उसे इसी महीने 27 जुलाई को पेश करने का आदेश देने के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जुबैर को हाथरस सदर कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा वारंट के तहत तिहाड़ जेल से हाथरस अदालत लाया गया था। दीपक शर्मा नामक एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने 14 जून, 2022 को आरोप लगाया कि चार साल पहले एक टविटर पोस्ट में उन्होंने हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत किया था ।
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जुबैर के वकील उमंग रावत के मुताबिक मामला चार साल पुराना है, इसलिए यह गिरफ्तारी ‘दुर्भावनापूर्ण’ है और ‘राजनीतिक दबाव’ में यह कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज अनेक मामलों की पारर्दिशता पूर्ण जांच के लिए मंगलवार को एक विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया था। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यहां बताया था कि एसआईटी से कहा गया है कि वह जुबैर के खिलाफ मामलों की तेजी से जांच कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल करे। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह एसआईटी का नेतृत्व करेंगे, जबकि महानिरीक्षक अमित वर्मा इसके सदस्य होंगे। जांच में मदद के लिए एसआईटी में तीन पुलिस उपाधीक्षक अथवा निरीक्षक मनोनीत किए जाएंगे।
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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पत्रकार जुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और हाथरस जिले में धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जुबैर ने कथित रूप से कुछ समाचार चैनलों के पत्रकारों पर कटाक्ष किया था। इसके अलावा उन पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के साथ-साथ भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने का आरोप भी है।
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सीतापुर में जुबैर के खिलाफ हिंदू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की तहरीर पर पिछली एक जून को भारतीय दंड विधान की धारा 295 (क) (जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काना) और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। शरण ने जुबैर द्वारा किए गए एक ट्वीट की शिकायत की थी जिसमें तीन हिंदूवादी नेताओं यति नरसिंहानंद, सरस्वती बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था। लखीमपुर खीरी में जुबैर के खिलाफ पिछली 25 नवंबर को आशीष कटियार नामक व्यक्ति एक पत्रकार ने मुकदमा दर्ज कराया था। उसने अपनी शिकायत में जुबैर पर ट्वीट के माध्यम से उसके चैनल के बारे में लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है।
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कुछ ऐसे ही आरोप में अन्य जिलों में भी जुबैर के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने जुबैर को सीतापुर में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। हाथरस में पत्रकारों से बात करते हुए उमंग रावत ने कहा कि आज की सुनवाई में उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि जांच अधिकारी को ‘तकनीकी विशेषज्ञ होना चाहिए’, क्योंकि मामला एक आईटी मामले से संबंधित है। सुनवाई के दौरान अदालत में पुलिस के आला अधिकारी और जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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