नई दिल्ली/टीम डिजिटल। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई, बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि शासकीय सेवकों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और एक नंवबर 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा।
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अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी। इसके लिए शासकीय सेवकों को एनपीएस के अंतर्गत पूर्ववत बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराइज्ड शपथ पत्र में देना होगा। यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। उन्होंने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान और उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा। अधिकारियों ने बताया कि एक अप्रैल 2022 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे। राज्य शासन के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को पत्र लिखकर नवीन पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि का वर्तमान बाजार मूल्य 17,240 करोड़ रुपए की मांग की है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया और इस योजना में कुल 780 करोड़ रूपए स्कूलों की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे।
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अधिकारियों ने बताया कि बैठक में वाणिज्यिक वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना शुरू करने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच साल में एक लाख 80 हजार एकड़ में क्लोनल नीलगिरी, टिशु कल्चर सागौन और बांस, मिलिया डुबिया सहित अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजातियों के 15 करोड़ पौधों का रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का लाभ सभी वर्ग के इच्छुक भूमि स्वामी सहित शासकीय, अर्ध शासकीय, शासन की स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं पंचायतें और लीज लेंड होल्डर जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, ले सकेंगे।
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अधिकारियों ने बताया कि बैठक में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक-2022 और छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) विधेयक-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिले में राज्य योजना के राशनकार्डधारियों (एपीएल को छोड़कर) को फोर्टिफाईड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया। इससे 26.42 करोड़ रूपए की राशि व्यय होगी। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में दंतेवाड़ा क्षेत्र के विधायक भीमा मंडावी की मृत्यु की घटना की न्यायिक जांच का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली हमले में मंडावी की मृत्यु हो गई थी।
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