नई दिल्ली/टीम डिजीटल। सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने की औपचारिक शुरूआत बुधवार को कर दी। जिन कानूनों की वापसी को लेकर किसान लगभग 1 साल से धरना दे रहे हैं। उन कानूनों की वापसी ने भी किसानों को संतुष्ट नहीं किया है। सयुंक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को सरकार के कानून वापसी के कदम को स्वागत योग्य तो बताया। लेकिन साथ में यह भी जोड़ दिया कि आंदोलन की अन्य मांगों पर भी सरकार ठोस निर्णय लेगी। तभी आंदोलन वापस होगा। शुक्रवार को आंदोलन को 1 साल पूरा हो जाएगा। इस मौके पर किसान संगठनों के अलावा भाजपा भी ट्रैक्टर रैली निकालेगी। इसलिए टकराव की भी संभावना है। वहीं बुधवार को गाजियाबाद के सदरपुर गांव में किसानों के बीच पहुंचे राकेश टिकैत ने चुनावों को लेकर कहा कि आचार संहिता लगने के बाद वह अपने पत्ते खोलेंगे।
टिकैत ने कहा आचार संहिता लगने दो, तब देखते हैं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बुधवार को मधुबन बापूधाम योजना से जुड़े किसानों के बीच पहुंचे। बीते 18 महीने से सदरपुर व अन्य गांवों के किसान एक समान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि जीडीए को किसानों की मांगे पूरी करनी ही होंगी। जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जाती। तब योजना में कोई काम नहीं होने दिया जाएगा। वहीं चुनावों को लेकर सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने के बाद वह इसे लेकर विचार करेंगे। किसानों इस पंचायत में यह फैसला लिया गया 6 दिसंबर को जीडीए कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
27 नवम्बर को सिंघु बॉर्डर पर फिर होगी बैठक संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दिए जाने का स्वागत किया है। संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम के स्वागत के साथ-साथ हम सरकार का ध्यान आकर्षित करवाना चाहते हैं कि आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों ने अपनी शहादत दी है। देश भर में 50 हजार के लगभग किसानों मजदूरों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। लखीमपुर खीरी तिकुनिया में भारतीय जनता पार्टी के मंत्री के बेटे द्वारा 4 किसानों व एक पत्रकार को गाडिय़ों से रौंदकर मार दिया गया। सरकार इन विषयों को भी संज्ञान में लेते हुए किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), बिजली बिल व पराली के मुद्दे यथाशीघ्र सुलझाए। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी बैठक 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर प्रस्तावित है। जिसमें आंदोलन के स्वरूप और भावी रणनीति पर विचार विमर्श के बाद ही संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन के संबंध में कोई निर्णय लेगा।
26 नवम्बर को भाजपा निकालेगी ट्रैक्टर रैली 26 नवम्बर को किसान आंदोलन के 1 साल पूरा होने पर गाजीपुर बॉर्डर पर विभिन्न क्षेत्रों से किसान जुटेंगे। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं 26 नवम्बर को भाजपा भी ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगी। बुधवार को इस संबध में भाजपा महानगर संगठन ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि 26 से 30 नवम्बर तक भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर विशाल किसान ट्रैक्टर रैली निकालेगा। इस सम्बन्ध में 26 नवम्बर को गाजियाबाद में ट्रैक्टर रैली निकाली जायेगी। जो नवयुग मार्केट शहीद पथ से प्रारम्भ होगी। इसका शुभ आरम्भ राज्यसभा सांसद एवं किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल तोमर तथा क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह करेगे। ट्रैक्टर रैली नवयुग मार्केट से प्रारम्भ होकर हापुड़ मोड, घण्टा घर, चौधरी मोड, अम्बेडकर रोड, पुराना बस अडडा, हापुड चुंगी, पुलिस लाईन, गोविन्दपुरम दुहाई से मुरादनगर मे समापन होगा। ट्रैक्टर रैली के माध्यम से किसानों को यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि देश की आजादी के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार और सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार ने किसानों में के हित में जितने निर्णय लिए हैं। उतने अभी तक किसी सरकार ने नहीं लिए है।
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