Friday, Jun 02, 2023
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ONGC, इंडियन ऑयल सर्वाधिक मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक उपक्रम

  • Updated on 1/3/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का शुद्ध परिचालन लाभ वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 50.87 प्रतिशत बढ़कर 2.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, पावरग्रिड, एनटीपीसी और सेल का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। केंद्र सरकार की तरफ से जारी सार्वजनिक उद्यम सर्वेक्षण 2021-22 में केंद्रीय पीएसयू के प्रदर्शन के आकलन से यह जानकारी सामने आई है।

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वित्त वर्ष 2020-21 में इन सार्वजनिक उपक्रमों का शुद्ध परिचालन लाभ 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा था। सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का शुद्ध घाटा कम होकर 15,000 करोड़ रुपये पर आ गया जो वर्ष 2020-21 में 23,000 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह केंद्रीय उपक्रमों के शुद्ध घाटे में 37.82 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। ज्यादा घाटे में रहने वाली कंपनियों में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल), एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और अलायंस एयर एविएशन लिमिटेड शामिल हैं।

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वहीं ओएनजीसी, इंडियन ऑयल लिमिटेड (आईओसी), पावरग्रिड, एनटीपीसी और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) वित्त वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक लाभ कमाने वाले केंद्रीय उपक्रमों में शामिल रहे। सर्वेक्षण के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय उपक्रमों का कुल सकल परिचालन राजस्व 31.95 लाख करोड़ रुपये रहा जो उसके एक साल पहले 24.08 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह परिचालन राजस्व में 32.65 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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इन उपक्रमों ने वर्ष 2021-22 में लाभांश के तौर पर कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये दिए, जो उसके एक साल पहले के 73,000 करोड़ रुपये की तुलना में 57.58 प्रतिशत अधिक है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्रीय उपक्रमों के राजस्व में आए उछाल के पीछे पेट्रोलियम रिफाइनरी एवं विपणन, कच्चा तेल और परिवहन एवं लॉजिस्टिक क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन का योगदान रहा है।

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लाभ में चलने वालीं सार्वजनिक कंपनियों का शुद्ध लाभ 39.85 प्रतिशत बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि वर्ष 2020-21 में यह 1.89 लाख करोड़ रुपये था। इस दौरान सभी उपक्रमों की तरफ से केंद्र सरकार को किया गया कुल अंशदान मामूली रूप से बढ़कर 5.07 लाख करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 4.97 लाख करोड़ रुपये था। वहीं केंद्र सरकार को सर्वाधिक अंशदान देने के मामले में आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल, भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड और चेन्नई पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड शीर्ष पांच उपक्रमों में शामिल रहीं। 

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