नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ‘अग्निपथ’ को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना में ‘अग्निवीरों‘ की भर्ती प्रक्रिया अगले दो दिनों में शुरू हो जाएगी। कोरोना महामारी के चलते बीते दो साल में भर्तियां रूकी थी, जिसे ध्यान में रखते हुए सेना ने इस साल शुरू हो रही ‘अग्निवीर’ भर्ती की आयु सीमा में दो साल की रियायत दी है, ताकि ओवर एज हो रहे युवा भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना के तहत 2022 के लिए आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का निर्णय उन युवाओं को अवसर देगा, जो सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण भर्ती नहीं हो सके। जनरल पांडे ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए उम्र में एकबारगी छूट देने संबंधी सरकार के फैसले के बाद जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस, राजू ने औपचारिक बातचीत में बताया कि ‘अग्निवीरों’ की पहली भर्ती के लिए प्रारंभिक अधिसूचना अगले दो दिनों में जारी कर दी जाएगी। उसके बाद 15 दिनों के भीतर सेना की विभिन्न एजेंसियां और प्रतिष्ठान बाद में भर्ती प्रक्रिया के विवरण जैसे रिक्तियों की संख्या, भर्ती रैलियों का स्थान और परीक्षा कार्यक्रम की जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि नई भर्ती नीति लागू होने के बाद सेना में नियमित भर्ती ‘अग्निवीर’ से ही होगी।
उन्होंने बताया कि ‘अग्निपथ’ योजना के तहत रंगरूटों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर उनका प्रशिक्षण दिसंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि सेना ने अगले साल जून तक इस नई योजना के तहत भर्ती रंगरूटों के शुरुआती बैच को अभियानगत और गैर-अभियानगत भूमिकाओं में तैनात करने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि पहले साल 43000 नियुक्तियां होगी। चार साल की सेवा के बाद इनमें से 25 फीसद ‘अग्निवीरों’ को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर सेना में नियमित नियुक्ति मिलेगी। नियमित होने के बाद भी इन सैनिकों की पहचान ‘अग्निवीर’ ही रहेगी। इसी तरह साल दर साल 40000 भर्तियों का सिलसिला चलता रहेगा। अगले 10 साल में कुल सैन्य बल में 50 फीसद ‘अग्निवीर’ और 50 फीसद पक्के सैनिक रखने का लक्ष्य है।
इससे सेना में 18 से 26 साल के नई तकनीक से लैश ऊर्जावान युवा सैनिकों के साथ अनुभवी सैनिकों का पूरा बेड़ा होगा, जो सेना की दक्षता बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि सेना के रेजीमेंटेशन ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।
वहीं, वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने भी औपचारिक बातचीत में बताया कि 24 जून से वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि न्यूनतम उम्र साढ़े 17 वर्ष और अधिकतम उम्र सीमा 21 साल है। लेकिन पहले साल की भर्ती में ऊपरी उम्र सीमा बढ़ा कर 23 साल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से युवाओं का एक बड़ा हिस्सा अग्निवीर के रूप में भर्ती हो सकेगा।
‘अग्निवीरों’ की चार साल के सेवाकाल के दौरान करीब ढाई महीने से छह महीने तक के प्रशिक्षण की अवधि होगी। ‘अग्निपथ’ पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि मुझे इस तरह के किसी विरोध की उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने बताया कि यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय नहीं है, बल्कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद योजना अमल में लाने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि बीते करीब डेढ़ साल से अग्निपथ योजना पर काम किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सेना में सबसे बड़ा मानव संसाधन प्रबंधन परिवर्तन है। योजना की गलत सूचना और गलतफहमी के कारण विरोध हो रहा है।
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