Thursday, Mar 30, 2023
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उपसभापति की कुर्सी संभालते ही हरिवंश ने कराई सरकार की किरकिरी, उग्र हुआ विपक्ष

  • Updated on 8/10/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राज्यसभा में मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था। शुक्रवार को राज्यसभा में कुछ ऐसा हुआ जो सरकार को अच्छा नहीं लगा। दरअसल उपसभापति के एक फैसले से सदन में सरकार फंसती दिखाई दी और विपक्ष को सरकार पर निशाना बनाने का मौका मिल गया। राज्यसभा में आज प्राइवेट मेंबर कामकाज का दिन था।

दरअसल राज्यसभा में समाजपार्टी पार्टी के सांसद विशम्भर प्रसाद ने देशभर में समान आरक्षण व्यवस्था लागू करने से जुड़ा प्रस्ताव पेश कर दिया। इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई और सारे दलों ने प्रस्ताव का समर्थन भी किया। लेकिन बात तब अनोखी लगी जब आखिर में जब आसन की ओर से सदस्य से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कहा गया तो उन्होंने उपसभापति से इस पर वोटिंग की मांग कर दी। उपसभापति ने इसे तत्काल मंजूर भी कर दिया। 

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इसी फैसले को लेकर कानून मंत्री रवशंकर प्रसाद ने आपत्ति जाताते हुए कहा कि आमतौर पर प्राइवेट मेंबर प्रस्ताव पर डिवीजन नहीं होता है, इसका मकसद सरकार को मुद्दे से रूबरू कराना होता है। प्रस्ताव को पेश करने के बाद उसे वापस ले लिया जाता है। उन्होंने कहा कि वोटिंग कराकर एक नई परंपरा बनने जा रही है। इसका समर्थन करते हुए सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि वोटिंग प्राइवेट बिल पर हो सकती है लेकिन प्रस्ताव पर कभी वोटिंग नहीं हुई। 

इस को लेकर उपसभापिति हरिवंश ने कहा कि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एक बार कहने के बाद वोटिंग रोकी जो सके। इस पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद ने कहा कि यह आदेश तो हम नहीं मानेंगे लेकिन आगे इस नियम में आपको सुधार करना होगा। तभी बीजेपी के प्रसिडेंट अमित शाह अपने सांसदों से नो का बटन दबाने के लिए कहते हुए सुन लिए गए। 

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दरअसल आमतौर पर प्राइवेट मेंबर प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं कराई जाती है। लेकिन उपसभापति ने इसे स्वीकार कर लिया तो वह जरूरी हो जाती है। अब आरक्षण से जुड़ा यह प्रस्ताव गिराने पर सरकार की किरकिरी होना तय थी।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने मॉनसून सत्र की समाप्ति पर कहा कि इस सत्र में नजमा हेपतुल्ला और गुलाम नबी आजाद को उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला, हरिवंश उपसभापति चुने गए। उन्होंने कवरेज के लिए मीडिया का शुक्रिया अदा किया साथ ही निराशा भी जताई कि उच्च सदन को उचित कवरेज अब भी नहीं मिल पा रहा है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अच्छा होता कि यह लोग तीन तलाक पीड़ित बेटियों के पक्ष में खड़े होते। इनको बेटियों के पक्ष में खड़ा होता चाहिए, जिसका यह लोग विरोध कर रहे हैं।

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