Saturday, Dec 02, 2023
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opposition attacks on modi government over supreme court decision on ed director

ED निदेशक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर

  • Updated on 7/11/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार मसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, राजद समेत वाम दलों ने जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ की है, वहीं मोदी सरकार को खरी-खरी भी सुनाई है। 

कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को उच्चतम न्यायालय द्वारा अवैध करार दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि यह उसके रुख की पुष्टि है और सरकार के ‘मुंह पर तमाचा' है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार का यही मकसद था कि ईडी निदेशक को गैरकानूनी तरीकों से सेवा विस्तार दिया जाए। 

उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को मंगलवार को अवैध करार दिया तथा उनका विस्तारित कार्यकाल घटाकर 31 जुलाई तक कर दिया। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा कि इस साल वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा की जा रही संबंधित समीक्षा के मद्देनजर और सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा। 

वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उससे कांग्रेस के रुख की पुष्टि हुई है। हमारा शुरू से कहना रहा है कि ईडी निदेशक को सेवा विस्तार दिया जाना पूरी तरह गैरकानूनी था।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘यही मकसद था कि ईडी निदेशक को गैरकानूनी तरीकों से सेवा विस्तार दिया जाए। यह फैसला सरकार के मुंह पर तमाचा है।'' 

ईडी निदेशक के सेवा विस्तार के खिलाफ याचिका दायर करने वालों में शामिल कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को ईडी व सीबीआई निदेशक के सेवा विस्तार के क़ानून की वैधता को सही ठहराने वाले निर्णय पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज़ मेरे द्वारा दायर की गई याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने ईडी निदेशक के सेवा विस्तार को पूरी तरह अवैध ठहराया है ! 

दरअसल विपक्ष के जरिए लगातार उठती जनता की आवाज को दबाने, राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने और विपक्ष के नेताओं को डरा धमका कर अपनी पार्टी में शामिल कराने के लिए मोदी सरकार जांच एजेंसियों को कैसे बीजेपी की सहयोगी इकाई की तरह इस्तेमाल करती आ रही है, यह पूरा देश देख रहा है !''

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि आज न्यायालय के इस फैसले ने भी फिर से साबित किया है कि ''मोदी सरकार संविधान और कानून को ताक पर रखकर, दिनदहाड़े लोकतंत्र का गला घोटने में जुटी है!'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मेरे विचार में माननीय उच्चतम न्यायालय को ईडी व सीबीआई निदेशक के सेवा विस्तार के क़ानून की वैधता को सही ठहराने वाले निर्णय पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।'' 

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