नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कृषि कानून को लेकर एक तरह दिल्ली में हिंसक हुई टैक्टर रैली के बाद माहौल गर्म बना हुआ है तो वहीं अब विपक्ष, सरकार पर हमलावर है। दोनों के बीच कृषि कानून को लेकर कहा-सुनी लगातार हो रही है। इस बीच कांग्रेस (Congress) नेता गुलामनबी आजाद ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
आजाद ने कहा है कि बजट सत्र से पहले 16 राजनीतिक पार्टियां राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी। उन्होंने कहा इसके पीछे मुख्य वजह तीन कृषि कानूनों को संसद से जबरन पास कराया जाना है।
16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे: गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस pic.twitter.com/iddQj3YAD2 — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021
16 राजनीतिक दलों के तरफ से हम आज बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्ज़ी के बिना ये 3 बिल जबरदस्ती पास किए थे: गुलाम नबी आज़ाद, कांग्रेस pic.twitter.com/iddQj3YAD2
इसके लिए एक संयुक्त रूप से स्टटेंट भी जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि भारत के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसनें भारत के किसानों को तोड़ दिया है और खतरा पैदा कर दिया है। जबकि भारत में 60 फीसदी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। 64 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर सर्दी, बारिश और कोहरे के बीच किसान बैठे हैं और न्याय मांग रहे हैं। इस आंदोलन में 155 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि केंद्र सरकार इसका जवाब आंसू गैस के गोले, वाटरकैनन और लाठीचार्ज से दे रही है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, JKNC, SP, RJD, CPI (M), CPI, शिवसेना, अकाली दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस, IUML, केरल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल है। हालांकि इस लिस्ट में बीएसपी शामिल नहीं है।
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बताते चलें कि 1 फरवरी को सरकार आम बजट पेश करने जा रही है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार पर भड़के। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसान तीन कृषि कानूनों की डिटेल को नहीं समझते हैं, अगर वो इसे समझेंगे तो पूरे देश में आंदोलन शुरू हो जाएंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने किसानों के खिलाफ पुराने ब्रिटिश बिल को फेंक दिया था और उसकी जगह एक नया बिल निकाला। उस बिल ने हमारे किसानों को मुआवजे और सुरक्षा की गारंटी दी। लेकिन पहली बार जब नरेंद्र मोदी जी पीएम बने तो उन्होंने कांग्रेस को सुरक्षा देने वाले बिल के असर को खत्म करने की कोशिश की। हमने उन्हें संसद में ऐसा नहीं करने दिया और इसका विरोध किया।
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