Monday, Sep 25, 2023
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उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली पर युवाओं में आक्रोश, CM धामी का बढ़ा सिरदर्द

  • Updated on 9/11/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रश्नपत्र लीक मामला सामने आने के बाद राज्य के बेरोजगार युवाओं में रोष बढ़ता जा रहा है और वे जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब डेढ़ माह पहले स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सामने आया था।  विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा इस मामले की जांच से भर्ती परीक्षाओं में धांधली उजागर हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अब यह सिरदर्द बन गया है और रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को शांत करने के लिए सरकार की ओर से लिए गए कुछ फैसलों ने और अधिक भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।  राज्य मंत्रिमंडल ने अपने एक फैसले में 7,000 सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा का जिम्मा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हटाकर राज्य लोक सेवा आयोग को दे दिया है।  हालांकि, मीडिया के एक वर्ग में पांच भर्ती परीक्षाओं को निरस्त करने की बात सामने आने के बाद युवाओं खासतौर से इस परीक्षा में शामिल हुए अभयर्थियों में रोष और बढ़ गया है।  एक समय अलग प्रदेश निर्माण के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाला उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) एक बार फिर भर्ती घोटालों के खिलाफ चल रहे युवाओं के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आ गया है। पिछले कुछ दिनों में उक्रांद ने कथित घोटालों के खिलाफ अनेक प्रदेशव्यापी रैलियां और विरोध प्रदर्शन किए।  

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     उक्रांद के मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने मांग की कि अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा प्रदेश में अब तक हुई सभी भर्ती परीक्षाओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाई जानी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दवाब बना रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने इस संबंध में कहा, सत्तारूढ पार्टी के नेताओं की मिलीभगत से भर्ती परीक्षाओं में धांधलियां हुई हैं और योग्य बेरोजगारों के हक पर डाका डाला गया। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।’’ हांलांकि, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री की पहल पर ही एसटीएफ जांच कराई जा रही है जो ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ ही तत्परता से काम कर रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में बेरोजगारी दर आठ से नौ फीसदी है और अब विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में उजागर हो रहे कथित घोटालों ऐसे सरकार की परेशानी कई गुना बढ़ गई है।    

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  देहरादून में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि एक तरफ मेधावी युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं वहीं दूसरी ओर राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और नकल माफिया की मिलीभगत से धांधली कर अयोग्य लोगों को नौकरियां बांटी जा रही हैं।  वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी तथा प्रदेश के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।  बेरोजगार संघ की प्रश्नपत्र लीक की आशंकाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए धामी ने 22 जुलाई को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को पिछले साल दिसंबर में आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के निर्देश दिए थे।  कुमार ने उसी दिन मामला दर्ज कराते हुए जांच एसटीएफ को सौंप दी थी जिसने अब तक उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।    

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