नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने फिल्म ‘पद्मावत’ पर सती प्रथा प्रिवेंशन एक्ट 1987 का उल्लंघन करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। शनिवार को 7 जंतर-मंतर रोड पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि फिल्म पद्मावत में सती प्रथा को बढ़ावा दिया गया है, जो प्रिवेंशन एक्ट का खुलेआम उल्लंघन है।
अग्निवेश ने कहा कि फिल्म के खिलाफ संसद मार्ग थाने में एक शिकायत की थी, जिसे कनॉट प्लेस थाने भेज दिया है। लेकिन, अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। फिल्म के खिलाफ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया। अब फिल्म के निर्माता पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाउंगा।
मुख्य सचिव से बदसलूकी का मामला: राजनाथ से मिले अनिल बैजल, तो क्या निकलेगा हल?
क्योंकि फिल्म में जिस प्रकार से सती प्रथा का महिमामंडन किया गया है, उससे रूढि़वादी विचारों को बल मिला है। सती प्रथा के खिलाफ आर्यसमाज समेत कई जन-संगठनों ने एक जोरदार आंदोलन चलाया था, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने सती प्रथा प्रिवेंशन एक्ट को संसद में पारित कर कानून की शक्ल दी थी।
इस एक्ट के तहत नारी उत्पीडऩ को रोकने के लिए काफी प्रभावी कदम उठाए गए हैं। ऐसे में फिल्म पद्मावत ने एक बार फिर से सती प्रथा जैसी कुरीतियों को हवा दे दी है। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि फिल्म के खिलाफ जल्द ही एक जन-जागरण अभियान की शुरुआत की जाएगी।
समाधान के लिए संस्थागत सहयोग जरूरी है: प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़
‘राहगीरी' के लिए कनॉट प्लेस की सड़क बंद करने से व्यापारियों में रोष,...
राहुल गांधी ने पूछा - जातिगत जनगणना से डरते क्यों हैं प्रधानमंत्री...
नर्मदा नदी में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए गुजरात सरकार का राहत...
देश में एक चुनाव कराने के विषय पर हाई लेवल कमेटी की पहली बैठक
दानिश अली के अशोभनीय आचरण की भी जांच की जाए : भाजपा सांसद निशिकांत...
हिमंत की पत्नी ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ किया मानहानि का...
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED के समन को झारखंड हाई कोर्ट में दी...
PM मोदी ने वाराणसी में किया अंतररष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास
पुलिस की लचर जांच से निराश सुप्रीम कोर्ट ने की जांच संहिता की हिमायत