नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पाकिस्तान पुलिस को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने से रोकने के दौरान उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद लाहौर के जमान पार्क इलाके में किसी जंग के मैदान जैसा मंजर है, जहां सड़कों पर आंसू गैस के गोले, जले हुए टायर और वाहन का मलबा बिखरा पड़ा नजर आ रहा है। इस झड़प में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के कार्यकर्ता और पुलिस के बीच मंगलवार को लाहौर के जमान पार्क इलाके में झड़प हुई।
तोशाखाना मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद इस्लामाबाद पुलिस बख्तरबंद वाहनों के साथ पीटीआई प्रमुख खान को लाहौर स्थित उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी। खान (70) पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशाखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘साफतौर पर ‘गिरफ्तारी' का दावा महज नाटक है, क्योंकि असली मंशा तो अपहरण और हत्या करने की है। आंसू गैस और पानी की बौछारों के बाद उन्होंने गोलियां चलाईं।
मैंने पिछली शाम एक मुचलके पर दस्तखत किया, लेकिन पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ने इसे मानने से इनकार कर दिया। उनकी मंशा दुर्भावना भरी है, इसमें कोई संदेह नहीं है।' तोशाखाना मामले में खान की गिरफ्तारी के अदालती आदेश के अनुपालन के लिए उनके आवास पहुंची पुलिस ने वहां जमा प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ा। हालात बिगड़ने का अंदेशा होने पर खान सहित पीटीआई के विभिन्न नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जमान पार्क में जुटने की अपील की, जहां उन्होंने मानव ढाल का काम किया और खान के आवास और पुलिस के बीच खड़े हो गए।
पुलिस कर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और पीटीआई कार्यकर्ता वहीं डटे रहे। खान ने ट्वीट किया, ‘‘कल सुबह से हमारे कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को आंसू गैस, रासायनिक पानी की बौछारों, रबर की गोलियों और पुलिस की गोलियों के हमले का सामना करना पड़ रहा है। अब यहां ‘रेंजर्स' हैं और उनके साथ लोगों का सीधा टकराव होगा।'
उन्होंने कहा, ‘‘तटस्थ होने का दावा करने वाले प्रशासन से मेरा सवाल है कि क्या यही आपकी तटस्थता है कि रेंजर्स का सीधे-सीधे निहत्थे प्रदर्शनकारियों और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेतृत्व से सामना हो रहा है, क्योंकि उनके नेता के खिलाफ एक अवैध वारंट जारी किया गया है और मामला पहले से ही अदालत में है। बदमाशों की यह सरकार उनके नेता का अपहरण और संभवतः उनकी हत्या करने की कोशिश कर रही है?'' पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच 11 घंटे से अधिक समय तक झड़प हुई, जो देर रात तक जारी रही। झड़प में कई पुलिस कर्मियों और पीटीआई कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है।
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