Wednesday, Mar 29, 2023
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पाकिस्तान के मंदिर में तोड़-फोड़, 30 गिरफ्तार, सरकार करेगी पुनर्निर्माण

  • Updated on 12/31/2020

,नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में एक मंदिर के विस्तार का विरोध कर रहे लोगों ने मंदिर में तोड़-फोड़ की और आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने देश की एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के 30 सदस्यों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया। खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में बुधवार को मंदिर पर हमले की मानवाधिकार संगठनों और हिंदू नेताओं ने निंदा की। प्रांतीय सरकार ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को क्षतिग्रस्त मंदिर के पुनर्निर्माण कराने का आदेश दिया और अपराधियों को न्याय की जद में लाने का वादा किया। 

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चश्मदीदों के अनुसार, हिंदू समुदाय के सदस्यों ने दशकों पुरानी इमारत के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति ली थी और उसके बाद भीड़ ने मंदिर पर हमला किया। एक स्थानीय मौलवी के नेतृत्व में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के समर्थकों की भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण को ध्वस्त कर दिया। स्थानीय पुलिस के अनुसार इस घटना के सिलसिले में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रांतीय पुलिस प्रमुख केपीके सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों का नामजद किया गया है। 

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अब्बासी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में आतंकवाद से संबंधित कानून की सभी धाराओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रांत में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को हमले का संज्ञान लिया और स्थानीय अधिकारियों को पांच जनवरी को पेश होने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत के एक बयान के अनुसार, हिंदू सांसद और पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख रमेश कुमार वांकवानी ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कराची में प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद से मुलाकात की।     

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बयान के अनुसार, 'पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश ने दुखद घटना पर गंभीर चिंता जतायी और संसद सदस्य को सूचित किया कि उन्होंने इस मुद्दे पर पहले ही संज्ञान लिया है और पांच जनवरी के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है।' अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त मंदिर के पुर्निनर्माण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। पाकिस्तान में मानवाधिकारों के लिए संघीय संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही ने इस हमले की कड़ी आलोचना की है। वहीं खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले को ‘‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ बताया और इसमें शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तार के आदेश दिए। 

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खान ने पूजा स्थलों की इस प्रकार की घटनाओं से रक्षा किए जाने का संकल्प लिया। हिंदू समुदाय पेशावर के नेता हारून सरब दियाल ने कहा कि इस मंदिर परिसर में श्री परमहंस जी महाराज की समाधि है और देश भर के हिंदू परिवार हर बृहस्पतिवार को इस समाधि पर आते हैं। हिंदू समुदाय पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं, लेकिन समुदाय का कहना है कि देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं की अधिकतर आबादी सिंध प्रांत में रहती है। वे अतिवादियों द्वारा परेशान किए जाने की अक्सर शिकायत करते हैं।

 

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