Saturday, Dec 02, 2023
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panic among people of kashmiri pandit community after terrorist group''''''''s threat

आतंकवादी समूह की धमकी के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों में दहशत

  • Updated on 12/5/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कश्मीर घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग एक आतंकवादी संगठन द्वारा समुदाय के 56 कर्मचारियों की सूची जारी किये जाने के बाद से दहशत में हैं। आतंकवादियों द्वारा चुन-चुनकर लोगों की हत्या किये जाने के बाद से घाटी में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज (पीएमआरपी) के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित जम्मू जा चुके हैं और 200 से अधिक दिन से स्थान परिवर्तन की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे यहां पुनर्वास आयुक्त कार्यालय के बाहर डेरा डाले हैं।

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) के एक ब्लॉग में हाल ही में पीएमआरपी के तहत कार्यरत 56 कश्मीरी पंडित कर्मियों की एक सूची प्रकाशित की गयी है और उन पर हमले की धमकी दी गयी है। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों में शामिल रंजन जुत्शी ने सोमवार को कहा, ‘‘आतंकवादी समूहों ने पहले हमें धमकी भरे खत भेजे, लेकिन इस बार कर्मचारियों की सूची के साथ चेतावनी जारी की गयी है। इससे न केवल प्रदर्शनकारी कर्मचारियों में, बल्कि पूरे समुदाय में डर पैदा हो गया है।''

उन्होंने कहा कि ताजा चेतावनी को दुष्प्रचार कहकर खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि ‘‘उनके (आतंकवादियों के) पास कर्मचारियों की सारी संबंधित जानकारी है''। आतंकवादियों को लोगों के नाम लीक होने के मामले में जांच की मांग करते हुए जुत्शी ने कहा कि यह दिखाता है कि आतंकवादियों के तंत्र की जड़ें बहुत गहराई तक हैं और उनके जमीन पर मौजूद समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके उन्हें नेस्तनाबूद किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को पता लगाना चाहिए कि किसने आतंकवादियों को अहम जानकारी दी। पुलिस को इस तरह की चीजों को गंभीरता से लेना चाहिए और घाटी में अब भी काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चत करनी चाहिए।'' एक अन्य कर्मचारी राकेश कुमार ने कहा कि पिछले 208 दिन से उनकी मांग पर कोई जवाब नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने घाटी में अपनी ड्यूटी पर दोबारा नहीं लौटने का फैसला कर लिया है क्योंकि इसका सीधा लेनादेना उनकी ‘जिंदगी और मौत' से है। कुमार ने कहा, ‘‘हम जिंदा रहेंगे, तभी काम कर पाएंगे। सरकार को हमें तत्काल दूसरी जगह भेजना चाहिए ताकि मानसिक और आर्थिक रूप से पीड़ा झेल रहे हमारे परिवारों को बचाया जा सके।''

AAP ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों पर आतंकी खतरे को लेकर चिंता जतायी 
आम आदमी पार्टी (आप) ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों पर नए आतंकवादी खतरे को लेकर सोमवार को चिंता व्यक्त की और घाटी में तैनात इस समुदाय के कर्मचारियों के नाम लीक होने की जांच की मांग की। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) के एक ब्लॉग ने हाल में प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज के तहत नियुक्त किये गए 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की एक सूची प्रकाशित की और उन पर हमले बढ़ने को लेकर आगाह किया। 

आप के प्रवक्ता प्रताप जामवाल ने राज्य में कर्मचारियों पर आतंकवादी हमले के खतरे पर जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार की चुप्पी की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में काम कर रहे आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों के साथ ही कश्मीरी पंडित कर्मचारी चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं के बाद प्रदर्शन कर रहे हैं और महीनों से सड़क पर हैं, लेकिन भारत सरकार के साथ ही जम्मू कश्मीर सरकार मूक दर्शक है।'' जामवाल ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की स्थानांतरण की मांग को ‘‘जायज'' ठहराते हुए कहा कि सरकार का अड़ियल रवैया इन कर्मचारियों को बेबस बना रहा है। 
 

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