Friday, Sep 22, 2023
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parents took out education revolution Satyagraha padyatra

गांधी जंयती पर ज्ञान के लिए सत्याग्रह, अभिभावकों ने निकाली शिक्षा क्रांति सत्याग्रह पदयात्रा

  • Updated on 10/2/2021

नई दिल्ली/टीम डिजीटल। गांधी जंयती के मौके पर शहर में कई आयोजन हुए, जिसमें महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को याद किया गया। लेकिन इन आयोजन से इत्तर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने इस दिन को अपनी मुहिम के लिए चुना। ज्ञात रहे कि गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन यानि जीपीए लंबे समय से प्राईवेट स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इसी क्रम में शनिवार को एसोसिएशन ने शिक्षा क्रांति सत्याग्रह पदयात्रा निकाली। जिसमें क्षेत्र से बड़ी संख्या में अभिभावकों ने हिस्सा लिया। 

यात्रा का शुभारंभ गांधी पार्क में बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। घंटाघर स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर यात्रा का समापन हुआ। इस दौरान अभिभावक स्लोगन, पोस्टर लेकर इसमें शामिल हुए। राष्ट्रीय स्वर्ण वाहनी और राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूल समिति सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने भी पदयात्रा में पहुचकर अपना समर्थन दिया। 

जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि देश विश्व गुरू बनने के सपने देख रहा है। लेकिन विश्व गुरू बनने के लिए शिक्षा का सुलभ और सस्ता होना जरूरी है। अगर ऐसा होता है तभी संभव है कि देश का हर युवा शिक्षित हो सके और देश विश्व गुरू बन सके। उन्होंने जीपीए की ओर से कुछ मांगे सीएम के सामने रखीं। जिसपर अमल कर शिक्षा को हर नागरिक की पहुंच में लाया जा सकता है। 

जीपीए ने रखी यह मांगे
-  एक देश एक शिक्षा एक बोर्ड लागू किया जाए।
- प्रदेश के सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाये। 
- प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक सैनिक स्कूल खोला जाए। 
- प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से मान्यतप्राप्त सरकारी स्कूल खोले जाये। 
- प्रदेश के प्रत्येक सांसद और विधायक को कम से कम 5 सरकारी स्कूलो की दशा सुधारने के लिये गोद दिये जायें। 
- प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाए। 
- निजी स्कूलो की लूट एवम शिक्षा के बढ़ते व्यवसाईकरण पर रोक लगाई जाए। 
- प्रदेश के निजी स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत एडमिशन सुनिचित किया जाये तथा निजी स्कूलों द्वारा शासनेदेशो का उल्लंघन करने पर एनओसी रद्द करने का प्रवधान किया जाये।
- प्रदेश के निजी स्कूलो का रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट से पृथक कर कंपनी एक्ट में संशोधित किया जाये क्योकि निजी स्कूलो ने शिक्षा को समाज सेवा की जगह व्यवसाय का साधन बना करोड़ो रूपये का प्रॉफिट अर्जित किया जा रहा है। 
- कोरोना काल की ऑन लाइन शिक्षा की फीस निर्धारित की जाए
 

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