Friday, Sep 29, 2023
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Parents union and private school organization objected to the demand for fee hike proposal

अभिभावक संघ और निजी स्कूल संगठन ने फीस वृद्धि प्रस्ताव मांगने पर आपत्ति जताई

  • Updated on 6/12/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। शिक्षा निदेशालय ने अकादमिक सत्र 2022-23 में सरकारी जमीन पर चल रहे करीब 400 निजी स्कूलों से शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव पेश करने को कहा है। इसके लिए स्कूलों को 12 से 27 जून तक समय दिया गया है। इस पर दिल्ली पैरेंट एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि निदेशालय का यह आदेश गलत समय पर निकाला गया है। अगर निजी स्कूलों से फीस बढ़ाने का आवेदन निदेशालय को मांगना ही था तो वह इस अकादमिक सत्र के शुरू होने से पहले मांगते।

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कहा, स्कूलों ने फरवरी में ही बना लिया था बजट, अब फीस बढ़ी तो अभिभावको को होगी परेशानी 
क्योंकि यह अकादमिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू हुआ है और तीन माह बीतने को हैं। जब तक स्कूलों के प्रस्ताव फाइनल होंगे तब तक जुलाई बीत जाएगी। अभिभावक कह रहे हैं कि हमें निजी स्कूलों ने अकादमिक सत्र 2022-23 की तय फीस का स्ट्रक्चर मार्च में दिया था। जिसके अनुसार बच्चों की फीस हम जमा कर चुके हैं। 6 माह बाद निजी स्कूल बढ़ी हुई फीस मांगेंगे तो हमें परेशानी होगी।

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हर निजी स्कूल फरवरी में तय कर लेता है अगले अकादमिक सत्र का बजट : जैन
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने फीस बढ़ोत्तरी आवेदन मांगने पर कहा कि बीते 5 साल से निजी स्कूलों क ी फीस नहीं बढ़ाई गई। अब जब अकादमिक सत्र शुरू हो चुका है तब निदेशालय ने फीस वृद्धि का प्रस्ताव मांगा है। हर निजी स्कूल फरवरी में अगले अकादमिक सत्र में होने वाले खर्चों का बजट बनाता है। जिसे 31 मार्च से पहले निदेशालय को जमा कर दिया जाता है। निदेशालय उसी प्रस्ताव की समीक्षा करे। या फिर अकादमिक सत्र 2023-24 के लिए फीस वृद्धि प्रस्ताव मांगे। क्योंकि मौजूदा सत्र में अभिभावक तय फीस का भुगतान कर चुके हैं। बीच सत्र में बढ़ी हुई फीस देने से अभिभावक भी कतराएंगे।

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