Wednesday, May 31, 2023
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Parliament Library Exhibition Attracts Youth to World Book Fair

पार्लियामेंट लाइब्रेरी एग्जिबिशन विश्व पुस्तक मेले में युवाओं को कर रही है आकर्षित

  • Updated on 3/3/2023

नई दिल्ली। अनामिका सिंह/नवोदय टाइम्स। विश्व पुस्तक मेले का 50वां संस्करण कई मायनों में काफी रोचक व ज्ञानवर्धक है। मेले में आने वाले लोग सिर्फ पुस्तकों से ही नहीं बल्कि यहां तैयार किए गए थीम पवेलियन व एग्जिबिशन से भी ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे ही ज्ञान का भंडार है हॉल नंबर 5 के कॉरिडोर में बने पार्लियामेंट लाइब्रेरी की एग्जिबिशन। जहां आपको बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के साथ ही भारत के संविधान की प्रति के साथ सेल्फी खींचवाते युवा दिखाई दे जाएंगे।

 

पार्लियामेंट्री पब्लिकेशन की किताबों का खजाना है ये एग्जिबिशन
इस बुक्स एग्जिबिशन में पैनल के जरिए भारतीय संविधान के बनने की कहानी से लेकर खासियत तक की जानकारी आप ले सकते हैं। पार्लियामेंट्री पब्लिकेशन में आज तक छपी सभी किताबों को भी यहां प्रस्तुत किया गया है। जिनमें प्रधानमंत्रियों द्वारा संसद में पढ़े गए उनके भाषण से लेकर लोकसभा व राज्यसभा के नियम, भारतीय संसद का सच व मिथ्या जैसी पुस्तकें देखी ही नहीं बल्कि खरीदी भी जा सकती हैं। इनमें संसद भवन की टेबल कॉफी बुक भी खूब पसंद की जा रही है। यही नहीं यहां आने पर आप आठवीं अनुसूची के बाद संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर, संविधान का प्रारूपण, संविधान सभा के सचिव द्वारा 20 नवंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक में भाग लेने के लिए सदस्यों को जारी किया गया आमंत्रण पत्र भी देख पाएंगे।

जलसाघर में दिखा कई पुस्तकों का जलसा
राजकमल प्रकाशन के ''जलसाघर'' में दिनभर पुस्तकप्रेमियों के लिए जलसा चलता रहा। कई पुस्तकों पर बातचीत और परिचर्चा आयोजित हुई। इनमें महेश कटारे की ''भवभूति कथा'', ममता सिंह की ''किरकिरी'' यशवंत व्यास की ''कवि की मनोहर कहानियाँ'', जयदेव तनेजा की ''मोहन राकेश : अधूरे रिश्तों की पूरी दास्तान'', पंकज राग की ''कैफ़े सिने संगीत'' आदि पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। इसके अलावा ''जलसाघर'' में आयोजित ''आएं खेलें पाएं ईनाम'' क्विज प्रतियोगिता में अनेक पाठकों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता के तहत पाठकों को हिंदी साहित्य से जुड़े सवालों के सही जवाब देने पर राजकमल प्रकाशन समूह की पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट दी जा रही है।

 

कविता संग्रह चलो हवाओं का रूख मोडें का लोकार्पण
वाणी प्रकाशन ग्रुप के ‘साहित्य घर उत्सव’ में शुक्रवार को कई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। इसमें सर्वाधिक चर्चा में रही नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी का कविता संग्रह ‘चलो हवाओं का का रुख मोड़ें, युवा कवि रश्मि भारद्वाज का कविता संग्रह ‘एक अतिरिक्त अ’, लेखक व साहित्यकार डॉ. फतेह सिंह भाटी का उपन्यास ‘कोटड़ी वाला धोरा’, भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित कवि, कहानीकार व आलोचक रोहिणी अग्रवाल की पुस्तक ‘लिखती हूं मन’ व ‘कहानी का स्त्री समय’। वहीं पर्यावरण के लिए समर्पित वाणी प्रकाशन ग्रुप के उपक्रम ‘वाणी पृथ्वी’ द्वारा प्रकाशित पत्रकार व कथाकार कबीर संजय की पुस्तक ‘ओरांग उटान अनाथ, बेघर और सेक्स गुलाम’ शामिल है।

 

परिवर्तन करुणा के भाव से ही आता है- कैलाश सत्यार्थी
प्रभात प्रकाशन द्वारा लेखक मंच पर प्रसिद्ध लेखक शिव कुमार शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक कैलाश सत्यार्थी के जीवन के प्रेरक प्रसंग पर चर्चा का आयोजन किया गया। मंच पर इस पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण स्टोरीज देट इंस्पायर का भी चर्चा की गई। इस अवसर पर लेखक कैलाश सत्यार्थी, पांचजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर और प्रभात प्रकाश के निदेशक प्रभात कुमार एवं पीयूष कुमार भी उपस्थित थे। इस अवसर पर कैलाश सत्यार्थी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि परिवर्तन करूणा के भाव से ही आता है। सभ्यताओं के बदलाव के लिए जब सामूहिक सोच, विचार बदलने लगते हैं तो सभ्यता का संकट पैदा होने लगता है।

 

बंगाल की चुनावी हिंसा पर भय आतंक का चुनाव
पश्चिम बंगाल की खूनी राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार रास बिहारी की चौथी पुस्तक पाठकों के बीच आ गई है। यश पब्लिकेशन के स्टॉल पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के बीजेपी प्रभारी रहे कैलाश विजयवर्गीय, वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता और पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने इसका लोकार्पण किया। पश्चिम बंगाल विधानसभा 2021 पर केंद्रित ''भय आतंक का चुनाव'' शीर्षक से प्रकाशित इस पुस्तक में बंगाल की चुनावी हिंसा से संबंधित कई चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं। लोकार्पण अवसर पर यश पब्लिकेशन के एमडी राहुल भारद्वाज व जतिन भारद्वाज समेत कई पुस्तक प्रेमी और पत्रकार मौजूद रहे।

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