Thursday, Sep 28, 2023
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parthiv patel retired from all forms of cricket musrnt

पार्थिव पटेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास

  • Updated on 12/9/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत के लिये 17 वर्ष की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पार्थिव पटेल ने बुधवार को खेल के तमाम प्रारूपों को अलविदा कह दिया। तीन महीने बाद अपना 36वां जन्मदिन मनाने जा रहे पार्थिव ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘मैं आज क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा ले रहा हूं। भारी मन से अपने 18 साल के क्रिकेट के सफर का समापन कर रहा हूं।’

सौरव गांगुली की कप्तानी में 17 वर्ष 153 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पार्थिव ने 65 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिनमें 25 टेस्ट, 38 वनडे और दो टी20 मैच शामिल है। उन्होंने 1696 रन बनाये जिसमें टेस्ट क्रिकेट में 934 रन शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में उन्होंने चार अर्धशतक समेत 736 रन बनाये। इसके अलावा बतौर विकेटकीपर टेस्ट में 62 कैच लपके और 10 स्टंपिंग की। उन्होंने 2002 में इंग्लैंड दौरे पर भेजा गया जब उन्होंने रणजी ट्राफी क्रिकेट में भी पदार्पण नहीं किया था।

पार्थिव ने कहा, ‘बीसीसीआई ने काफी भरोसा जताया कि 17 साल का एक लड़का भारत के लिये खेल सकता है। अपने कैरियर के शुरूआती वर्षों में मेरी इस तरह हौसलाअफजाई करने के लिये मैं बोर्ड का शुक्रगुजार हूं।’ उन्होंने 2004 में भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद पहला रणजी मैच खेला। पार्थिव ने ‘दादा’ यानी बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली समेत सारे कप्तानों को धन्यवाद दिया।

महेंद्र सिंह धोनी के आने के बाद पार्थिव विकेटकीपर के तौर पर दूसरी पसंद हो गए और यदा कदा बतौर बल्लेबाज ही खेले । बाद में सीमित ओवरों में सलामी बल्लेबाज के रूप में कुछ मैच खेले। पार्थिव ने लेकिन हमेशा स्वीकार किया कि वह धोनी को दोष नहीं दे सकते क्योंकि उन्हें और दिनेश कार्तिक को धोनी से पहले टीम में अपनी जगह पक्की करने के मौके मिले थे।

वह घरेलू क्रिकेट में काफी कामयाब रहे और 194 प्रथम श्रेणी मैचों में 27 शतक समेत 11240 रन बनाये। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के लिये खेला। इस बार आरसीबी के लिये वह एक भी मैच नहीं खेल सके।

उन्होंने कहा, ‘मैं आईपीएल टीमों और उनके मालिकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे टीम में शामिल किया और मेरा ध्यान रखा।’ पार्थिव की कप्तानी में गुजरात ने 2016- 17 में रणजी खिताब जीता। वह भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के पहले कप्तान रहे जिनके साथ 2013 में सैयद मुश्ताक अली ट्राफी खेला।

पार्थिव ने कहा, ‘मुझे सुकून है कि मैने गरिमा, खेल भावना और आपसी सामंजस्य के साथ खेला। मैंने जितने सपने देखे थे, उससे ज्यादा पूरे हुए। मुझे उम्मीद है कि मुझे याद रखा जायेगा।’

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