नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना टीकों के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी पर विपक्ष दलों के सवालों के बीच बाबा रामदेव (Baba Ramdev) का कोरोना टीका नहीं लगाने का ऐलान कर दिया है। पतंजलि के बाबा का कहना है कि वह कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, इसकी वजह है कि उन्हें कोरोना होने वाला ही नहीं है। बाबा का कहना है कि पतंजलि का इलाज ही उन्हें कोरोना से दूर रखे हुए है।
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चैनल न्यूज 18 के एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने साफ कहा कि कोरोना वैक्सीन सभी को लगाने की जरूरत नहीं हैं। जिसको जरुरी हो उसी को कोरोना वैक्सीन दी जाए। उन्होंने कहा कि अब यह सरकार का फैसला होगा कि वह सभी को कोरोना वैक्सीन लगवाती है या नहीं। बता दें कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने इसके सीमित इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं।
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किसान आंदोलन पर बाबा ने कहा कि सरकार और किसानों को बीच का रास्ता निकालना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार जहां किसानों की मांगें मान रही है, वहीं किसान संगठनों को भी हठधर्मिता छोड़नी चाहिए और सरकार पर भरोसा करना चाहिए। योग गुरु ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की दोगुनी आय करने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। वामदलों पर निशाना साधते हुए बाबा ने कहा कि ये लेफ्ट भी केरल तक सिमट चुका है और वहां भी उसके पांव उखडने वाले हैं। लेफ्ट के झंडों का किसान आंदोलन में इस्तेमाल होना की सवाल उठाता है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने कोरोना वैक्सीन के सीमित इस्तेमाल पर जताई चिंता
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भारत के औषधि नियामक द्वारा भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के सीमित उपयोग की अनुमति दिए जाने पर चिंता जताई और सरकार को यह बताने को कहा कि अनिवार्य प्रोटोकॉल तथा डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया। भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
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इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श करने वाली गृह मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख शर्मा ने कहा कि टीके के उपयोग की मंजूरी के मुद्दे पर बेहद सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि किसी भी देश ने अनिवार्य चरण तीन परीक्षणों और डेटा सत्यापन के साथ समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति के समक्ष दी गई प्रस्तुति के अनुसार, चरण तीन के परीक्षण पूरे नहीं हुए हैं और इसलिए, सुरक्षा तथा प्रभाव के आंकड़ों की समीक्षा नहीं की गई है, जो एक अनिवार्य आवश्यकता है।
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वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे। ये लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का ख़तरा नहीं उठाया जा सकता है। गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख़ घोषित हो।'
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