Saturday, Jun 03, 2023
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US Journal में छपी बिहार के वैज्ञानिकों की रिसर्च रिपोर्ट, चंदन के बीज में खोजा ब्रेस्ट कैंसर का इला

  • Updated on 8/31/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत में चंदन (Sandal) का प्रयोग खुशबू और पूजा के लिए किया जाता है लेकिन अब इसका एक और ऐसा उपयोग सामने आया है जिसे चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति माना जा सकता है। इसकी खोज की है बिहार के वैज्ञानिकों ने और उनकी इस खोज की चर्चा ब्रिटेन में भी हो रही है। 

दरअसल, अमेरिका के सेज जर्नल ऑफ ब्रेस्ट कैंसर: बेसिक एण्ड क्लीनिकल रिर्सच (Sage Journal of Breast Cancer: Basic and Clinical Research) ने चंदन की खासियत के बारे में बताया है। इसके हालिया आए अंक में एक शोध पब्लिश किया गया है जिसमें बिहार के वैज्ञानिकों की प्रतिभा को काफी सराहा गया है। 

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क्या है इस रिपोर्ट में....
इस रिपोर्ट में शामिल शोध में कहा गया है कि बिहार के यंग वैज्ञानिकों ने रक्त चंदन (Red Sandal Wood ) में मौजूद प्रतिरोधक क्षमता को लेकर एक नई खोज की है। इस शोध में पहली बार लाल रक्त चंदन की लकड़ी के बीज के प्रयोग का जिक्र हुआ है, जो ब्रेस्ट कैंसर को खत्म करने में सहायक हो सकता है। इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि लाल चंदन की लकड़ी के बीज से स्तन कैंसर की प्रतिरोधक क्षमता की मौजूदगी का पता चलता है।

बिहार के ये वैज्ञानिक हैं शामिल 
इस रिपोर्ट में तीन सदस्यीय शोध दल में शामिल महावीर कैंसर संस्थान के डॉ.अरुण कुमार, डॉ.मनोरमा कुमारी एवं अनुग्रह नारायण कालेज, पटना के पीएचडी छात्र विवेक अखौरी शामिल हैं। इन्होने महावीर कैंसर संस्थान में कई सालों तक रक्त चंदन के बीज पर शोध किया है। ये दुनिया का पहला नया शोध है जिसमें ये जानकारी सामने आई है कि लाल रक्त चंदन के बीज में ब्रेस्ट कैंसर को रोकने वाले तत्व पाए जाते हैं। 

चूहों पर किया गया प्रयोग 
बताया गया है कि इस प्रयोग के लिए कार्सिनोजेन रासायनिक डीएमबीए को प्रेरित कर चार्ल्स फोस्टर चूहों में स्तन ट्यूमर मॉडल विकसित किया गया। इसके बाद पांच सप्ताह तक लगातार उन चूहों का इलाज लाल रक्त चंदन के बीज से किया गया। इलाज के दौरान देखा गया कि ट्यूमर काफी कम हो रहा था और फिर वो धीरे-धीरे खत्म हो गया।  शोधकर्ताओं का मानना है कि ये अपनी तरह का दुनिया में पहला शोध है। 

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