एलएनजेपी अस्पताल की प्रतीक्षा सूची में बढोत्तरी
नई दिल्ली/अंकुर शुक्ला। बदलते सोच के साथ लिंग परिवर्तन (सेक्स रिअसींमेंट) सर्जरी कराने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसकी बानगी दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोक नायक अस्पताल में किए जाने वाले आवेदनों की स्थिति देखकर समझा जा सकता है।
खास बात यह है कि पहले यह आर्थिक रूप से सबल श्रेणी वाले लोगों की पसंद बन रही थी लेकिन पसंद का यह दायरा अब अधिक विस्तृत होता जा रहा है।
एलएनजेपी अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी के कंसल्टेंट प्रो. पीएस भंडारी के मुताबिक अब इस सर्जरी की मांग सामान्य और निम्न वर्ग से भी सामने आ रही है। प्रोफेसर के मुताबिक अभी डॉक्टर, एक इंजीनियरिंग छात्र, आईएएस, सुरक्षा गार्ड ने लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए आवेदन किया हुआ है। इसके अलावा दो लड़कियां, जिनमें से एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं, पुरुष बनना चाहती हैं।
प्रोफेसर भंडारी के मुताबिक एक डॉक्टर और इंजीनियरिंग की छात्रा सहित दो पढ़े-लिखे युवक अपने माता-पिता के साथ अस्पताल आए और वह लड़की जो अपना लिंग बदलना चाहती थी, एक महिला के साथ आई, जिससे वह शादी करना चाहती है। उनके पास एक गार्ड भी आया जो महिला बनना चाहता है लेकिन सरकारी व्यवस्था में उन्हें कम प्राथमिकता दी जाती है। कैंसर और जलने के रोगियों को सर्जरी के लिए अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
एक वर्ष तक लेनी पड़ती है हार्मोनल दवाएं : प्रो. भंडारी के मुताबिक सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी समय लेने वाले उपचार या प्रक्रियाएं हैं क्योंकि लगभग एक वर्ष तक रोगियों को हार्मोनल दवाएं लेनी पड़ती हैं। सर्जरी भी दो से तीन चरणों में की जाती है।
पुरुष से महिला की सर्जरी करने के लिए लिंग और वृषण जैसे बाहरी अंगों को हटा दिया जाता है और लिंग की त्वचा को इनवेजिनेट किया जाता है और इस त्वचा का उपयोग योनि के निर्माण के लिए किया जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट इम्प्लांट ब्रेस्ट को कंस्ट्रक्शन करने के लिए किया जाता है। महिलाओं में गर्भाशय और स्तनों को दो चरणों में हटा दिया जाता है। अगले चरण में, लिंग के निर्माण के लिए शिश्न का पुनर्निर्माण किया जाता है।
सर्जरी के बाद माता-पिता नहीं बन सकते : डॉक्टर के मुताबिक इन सर्जरी के बाद पुरुषों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे एक सामान्य आदमी बन सकते हैं। सर्जरी के बाद पुरुष पिता नहीं बन सकते। इरेक्शन नहीं होगा क्योंकि लिंग में उन ऊतकों की कमी होती है। लिंग के निर्माण के लिए हाथों और जांघों के ऊतकों का उपयोग किया जाता है इसलिए इसमें संवेदनाओं की भी कमी होगी। इसी तरह, जो सर्जरी के बाद महिला बन जाती हैं, उन्हें यह नहीं मानना चाहिए कि वे मां बन जाएंगी।
सर्जरी से पहले हार्मोनल उपचार : डॉक्टर के मुताबिक इन प्रक्रियाओं को शुरू करने से पहले, लगभग एक साल तक हार्मोनल उपचार दिया जाता है। महिला हार्मोन का प्रशासन करते हैं तो पुरुषों की दाढ़ी, बाल और मूंछें गायब होने लगती हैं। ये प्रक्रियाएं अपरिवर्तनीय हैं क्योंकि हटाए गए अन्यजातियों का पुनर्निर्माण नहीं किया जा सकता है।
सर्जरी से पहले मनोचिकित्सा भी महत्वपूर्ण : प्रो. भंडारी के मुताबिक सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी के लिए मरीजों को पहले तीन मनोचिकित्सकों के पास भेजा जाता है जो अपनी राय देते हैं और उनकी राय या सहमति के बाद ही लाभार्थी से आवेदन लिया जाता है।
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