नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बाबा रामदेव ने वैचारिक आतंकवाद को लेकर जिस तरह से पेरियार और उनके अनुयायियों को पर कटाक्ष किया है, उससे सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया है। पेरियार के समर्थकों ने बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि के खिलाफ मुहिम चला दी है। खास बात यह है कि अब लोग पेरियार के बारे में भी जानना चाहते हैं।
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बता दें कि आजादी से पहले और बाद में भी दक्षिण भारतीय राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु में पेरियार का खासा प्रभाव रहा है। दक्षिण भारतीयों के दिलों में पेरियार के प्रति गहरा सम्मान है। पेरियार के नाम से मशहूर इरोड वेंकट नायकर रामासामी 20वीं सदी में भी ना सिर्फ सांस्कृतिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर भी गहरा प्रभाव रहा है। पेरियार के विचार कम्युनिस्ट और दलित आन्दोलन में से खासा प्रभाव दिखाते रहे हैं।
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पेरियार ने धर्म के खिलाफ तर्कवाद और नारीवाद को बढ़ावा दिया। पेरियार के विचारों को उनके अनुयायियों ने मार्गदर्शक के रूप में लिया। तर्कवादी, नास्तिक और वंचितों के हित में बोलने और कार्य करने की वजह से पेरियार की सामाजिक और राजनीतिक अहमियत बढ़ती गई।
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रुढ़िवादी हिंदुत्व के खिलाफ पेरियार ने जमकर झंडा बुलंद किया। जस्टिस पार्टी का गठन का मूल मंत्र भी रुढ़िवादी हिंदुत्व का विरोध था। पेरियार ने भारत में हिंदी के अनिवार्य रूप से शिक्षण में इस्तेमाल करने का घोर विरोध किया था।
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पेरियार की मूर्तियों के नीचे उनका ये बात भी लिखी रहती थी- 'ईश्वर नहीं है और ईश्वर बिलकुल नहीं है, जिस ने ईश्वर को रचा वह बेवकूफ है, जो ईश्वर का प्रचार करता है, वह दुष्ट है, साथ ही जो ईश्वर की पूजा करता है. वह बर्बर है।’ पेरियार ने धर्म और ईश्वर को लेकर भी कई अहम सवाल खड़े किए। उन्होंने तो ईश्वर को लेकर 15 सवाल उठाए थे, जो इस प्रकार हैं: -
1- क्या तुम कायर हो, जो हमेशा ही छिपे रहते हो, कभी किसी के सामने प्रकट नहीं होते?
2- क्या तुम्हें खुशामद पसंद है, जो लोगों से दिन रात पूजा-अर्चना करवाते हो?
3- क्या तुम सदेव भूखे रहते हो, जो लोगों से मिठाई, दूध, घी आदि लेते रहते हो ?
4- क्या तुम मांसाहारी हो जो लोगों से निर्बल पशुओं की बलि चढ़वाते हो?
5- क्या तुम सोने के व्यापारी हो, जो मंदिरों में लाखों टन सोना दबाए हुए हो?
6- क्या तुम व्यभिचारी हो, जो मंदिरों में देवदासियां रखते हो?
7- क्या तुम कमजोर हो, जो रोजाना होने वाले बलात्कारों को नही रोक पाते?
8- क्या तुम मूर्ख हो, जो दुनिया के देशों में गरीबी-भुखमरी होते हुए भी अरबों रुपयों का अन्न, दूध, घी,
तेल बिना खाए ही नदी-नालों में बहा देते हो?
9- क्या तुम बहरे हो जो बेवजह मरते हुए आदमी, बलात्कार होती हुई मासूमों की आवाज नहीं सुन पाते?
10- क्या तुम अंधे हो, जो रोज अपराध होते हुए नहीं देख पाते?
11- क्या तुम आतंकवादियों से मिले हुए हो, जो रोज धर्म के नाम पर लाखों लोगों को मरवाते रहते हो?
12- क्या तुम आतंकवादी हो, जो ये चाहते हो कि लोग तुमसे डरकर रहें?
13- क्या तुम गूंगे हो, जो एक शब्द नहीं बोल पाते, लेकिन करोड़ों लोग तुमसे लाखों सवाल पूछते हैं?
14- क्या तुम भ्रष्टाचारी हो, जो गरीबों को कभी कुछ नहीं देते, जबकि गरीब पशुवत काम करके कमाए गए धन की पाई-पाई तुम्हारे ऊपर न्यौछावर कर देता है?
15- क्या तुम मुर्ख हो, जो हम जैसे नास्तिकों को पैदा किया जो तुम्हे खरी-खोटी सुनाते रहते हैं और तुम्हारे अस्तित्व को ही नकारते हैं?
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