Thursday, Jun 01, 2023
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personal law board requests cbi to file appeal in babri demolition case rkdsnt

बाबरी विध्वंस मामले में पर्सनल लॉ बोर्ड ने की CBI से अपील दायर करने की गुजारिश

  • Updated on 9/30/2020

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने बाबरी विध्वंस मामले (Babri demolition case) में विशेष सीबीआई अदालत के फैसले पर बुधवार को सवाल उठाए और केंद्रीय जांच एजेंसी से इस फैसले के खिलाफ अपील करने का अनुरोध किया। पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव वली रहमानी ने एक बयान में दावा किया, ‘‘यह फैसला न्याय से कोसों दूर है। यह न तो सबूत और न ही कानून पर आधारित है।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘ आरोपियों को बरी करने का जो भी कारण हो, लेकिन हम सबने विध्वंस के वीडियो एवं तस्वीरें देखी हैं। इस साजिश में कौन लोग शामिल थे, ये सबको पता है।’’ रहमानी ने कहा, ‘‘हम आग्रह करते हैं कि कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए सीबीआई (फैसले के खिलाफ) अपील करे।’’ कई दूसरे मुस्लिम संगठनों ने भी अदालत के फैसले को लेकर सवाल किए। 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बाबरी विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले को लेकर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को दावा किया कि यह फैसला पिछले साल अयोध्या मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है। जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘‘सवाल यह है कि जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गई तो फिर सीबीआई की नकार में सब निर्दोष कैसे हो गए? क्या यह न्याय है?’’     

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उन्होंने दावा किया कि यह फैसला पिछले साल अयोध्या मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है। जमीयत उलेमा-ए-ङ्क्षहद के महासचिव महमूद मदनी ने दावा किया, ‘‘यह फैसला अत्यधिक दुखद और न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है। यह एक ऐसा फैसला है जिसमें न इंसाफ किया गया है और न इसमें कहीं इंसाफ दिखता है। इसने न्यायालय की आकाादी पर वर्तमान में लगाए गए प्रश्नवाचक चिन्ह को और गहरा कर दिया है।’’ 

जमात-ए-इस्लामी ङ्क्षहद के प्रमुख सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने कहा, ‘‘लोग 28 साल से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन इंसाफ नहीं हुआ। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि विध्वंस एक आपराधिक कृत्य था। ऐसे में विशेष अदालत का फैसला समझ से परे है।’’ गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।  

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विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

अदालत के फैसले से नाराज ओवैसी
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के विशेष सीबीआई अदालत के फैसले पर क्षोभ जाहिर करते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसी को इसके खिलाफ अपील करनी चाहिए। उन्होंने फैसले को अप्रिय कहते हुए दावा किया कि यह पिछले साल नौ नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने फैसले में की गयी टिप्पणी के विपरीत है कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस सार्वजनिक पूजा स्थल को ध्वस्त करने की सुनियोजित कार्रवाई और कानून का उल्लंघन था।

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उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर उच्चतम न्यायालय कहता है... क्या 1949 में वहां मूर्तियां जादू से रखी गई थीं? जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब ताले क्या जादू से खोले गए थे? यही कारण है कि मैं कहता हूं कि आज का फैसला उच्चतम न्यायालय के फैसले के विपरीत है।’’ उन्होंने सवाल किया कि कैसे ढांचे को गिराए जाने के पीछे कोई साजिश नहीं थी। उन्होंने सवाल किया कि किसने बड़े पैमाने पर लोगों को बुलाया था। ओवैसी ने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा था कि ‘रोक कंस्ट्रक्शन पर है, डिस्ट्रक्शन पर नहीं।’  

 

 

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Babri demolition LK Advani welcomed Coury decision by raising slogan Jai Shri Ram rkdsnt

बाबरी विध्वंस: आडवाणी ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाकर किया फैसले का स्वागत 

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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘रामजन्मभूमि आंदोलन’’ को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है। आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक और राम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा थे। राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी। 

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आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है। जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया।’’ बाद में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, ‘‘यह रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं धन्य महसूस करता हूं कि यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के ऐतिहासिक फैसले के पदचिह्नों पर है, जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मेरे सपने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसका शिलान्यास पांच अगस्त 2020 को किया गया।’’ 

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अदालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया।     मीडिया से मुखातिब आडवाणी ने कहा, ‘‘बहुत दिनों बाद अच्छा समाचार आया है... और इसलिए मैं तो आज इतना ही कह सकता हूं...आज के अवसर के लिए... जय श्री राम।’’ अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे। उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी उनकी हाथ पकड़े थीं। 

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आडवाणी ने कहा, ‘‘मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और निस्वार्थ भाव से अपनी भागीदारी और बलिदान देने वाले सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं, जिन्होंने मुझे अयोध्या आंदोलन के दौरान ताकत और सहयोग दिया।’’ भाजपा नेता ने कहा कि अब वे करोड़ों भारतीयों के साथ अयोध्या में सुंदर राम मंदिर देखना चाहते हैं। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।  

सपा और AAP ने लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपी BJP नेताओं के पोस्टर

विशेष न्यायाधीश एस. के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। आडवाणी ने गत 24 जुलाई को सीबीआई अदालत में दर्ज कराए गए बयान में तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से इस मामले में घसीटा गया है। 

बाबरी फैसले पर योगी ने कहा,‘सत्यमेव जयते’ 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि‘सत्यमेव जयते’के अनुरूप सत्य की जीत हुई है। मुख्यमंत्री ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से फोन पर बात कर उन्हें बधाई दी । मुख्यमंत्री योगी के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व ङ्क्षहदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया।’’ 

विहिप ने अदालत के फैसले को न्याय की विजय बताया 
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को ‘‘सत्य और न्याय’’ की जीत बताते हुए कहा कि इस निर्णय ने षड्यंत्र के आरोपों को ध्वस्त कर दिया। विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने फैसले के बाद एक बयान जारी कर अपील की कि लोगों को राजनीति से ऊपर उठकर और पीछे देखने की बजाय एक संगठित व विकसित भारत के निर्माण के लिए अब आगे बढऩा चाहिए। 

 

 

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