Saturday, Dec 09, 2023
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मथुरा मस्जिद में ‘गर्भ गृह’ के शुद्धिकरण की इजाजत देने के लिए याचिका दाखिल

  • Updated on 5/23/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह विवाद मामले में कथित रूप से मस्जिद के अंदर मौजूद केशव देव मंदिर के गर्भ गृह का‘शुद्धिकरण’करने की अनुमति मांगने से संबंधित एक याचिका सोमवार को दीवानी अदालत में दाखिल की गई। याचिकाकर्ता के वकील दीपक शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र शर्मा शाही मस्जिद ईदगाह के अंदर स्थित गर्भ गृह की शुचिता की बहाली के लिए गंगा और यमुना के जल से उसका शुद्धिकरण करना चाहते हैं।  

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वकील ने बताया कि दिनेश चंद्र शर्मा अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष हैं और उन्होंने 19 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में भी ऐसी ही एक याचिका दाखिल की थी। दोनों याचिकाएं अदालत में लंबित हैं। शर्मा के मुताबिक, दिनेश चंद्र शर्मा ने 26 फरवरी 2021 को खुद को कृष्ण भक्त बताते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक वाद दायर कर कहा था कि अदालत शाही मस्जिद ईदगाह को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का आदेश दे, क्योंकि यह मस्जिद कथित तौर पर कटरा केशव देव मंदिर के 13.37 एकड़ क्षेत्र के एक हिस्से पर बनी है।

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 इन मामलों में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट पक्षकार हैं। गौरतलब है कि विवाद में अनेक मुकदमे दायर किए गए हैं और लगभग सभी में शाही मस्जिद ईदगाह को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की गुजारिश की गई है।

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याचिकाकर्ताओं का दावा है कि शाही मस्जिद ईदगाह कटरा केशव देव मंदिर की जमीन के एक हिस्से पर बनी है। कुछ मुकदमों में यह अपील भी की गई है कि अदालत अधिवक्ता आयुक्त या पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम को मस्जिद के अंदर हिंदू मंदिरों की निशानियों की कथित मौजूदगी का पता लगाने का निर्देश दे।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग 
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हिन्दू पक्ष ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में भी अदालत से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का अनुरोध किया है।  इस पर अदालत ने सोमवार को पक्षकारों से आपत्तियां आमंत्रित की। याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में एक अर्जी के जरिए अदालत से गुहार लगाई थी। अदालत के फैसले का हवाला देते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता संजय गौड़ ने कहा,‘‘आपत्तियां आमंत्रित हैं, अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी ।‘‘ 

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अखिल भारत हिन्दू महासभा द्वारा सोमवार को सिविल जज की अदालत में पेश किए गए दावे में कहा कि जिस स्थान पर कथित ईदगाह मौजूद है वह वास्तविकता में भगवान श्रीकृष्ण के विशाल मंदिर का मूल गर्भगृह है। ठा. केशवदेव मामले के वादीगण यूनाइटेड हिन्दू फ्रण्ट, धर्मरक्षा संघ और एक अधिवक्ता की तरफ से अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कहा गया है कि कोर्ट कमीशन से ईदगाह का सर्वे कराया जाए। अर्जी में आशंका जताई गई है कि अदालत के ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रतिवादी सबूत नष्ट कर सकते हैं। इस मामले में आगामी एक जुलाई को सुनवाई की जाएगी। 

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दूसरी ओर, शाही ईदगाह कमेटी के पदाधिकारीगण इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं। अखिल भारत हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र देकर कहा है कि ईदगाह में मौजूद गर्भगृह को उन्हें गंगा और यमुना के जल से धोकर पवित्र करने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा ठा. केशवदेव मामले के अन्य वादीगण एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी, यूनाइटेड हिन्दू फ्रण्ट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल व धर्मरक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया है।     
 

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