नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा को फोन टैपिंग मामले में पूछताछ के लिये शनिवार को पेश होने के लिये नया नोटिस जारी किया है। फोन टैपिंग मामले में ओएसडी को नए नोटिस से उदयपुर में कांग्रेस के प्रस्तावित चिंतन शिविर के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चिंता बढ़ सकती है। शर्मा को इस मामले में पांचवीं बार नोटिस जारी किया गया है, हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। प्राथमिकी रद्द करने के लिये शर्मा की याचिका पर नौ मई को सुनवाई में अदालत को सूचित किया गया था कि अंतरिम रोक के कारण शर्मा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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अदालत ने तब शर्मा को जांच में सहयोग करने को कहा। अदालत ने कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो तो दिल्ली पुलिस अंतरिम आदेश को रद्द करने के लिये याचिका लगाने के लिये स्वतंत्र होगी। सुनवाई के बाद जांच अधिकारी ने बुधवार को ओएसडी शर्मा को नोटिस जारी कर 14 मई को सुबह 11 बजे उनके समक्ष पेश होने को कहा है।
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यह पांचवी बार है कि अपराध शाखा ने शर्मा को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41.1 (ए) के तहत यह दोहराते हुए नोटिस जारी किया है कि नोटिस की शर्तों में शामिल होने/अनुपालना नहीं करने पर उन्हें सीआरपीसी की धारा 41 ए (3) और (4) के तहत गिरफ्तारी का पात्र बना सकती है। गिरफ्तारी की आशंका पर शर्मा ने पिछले साल नवंबर में तीसरा नोटिस मिलने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया था। उच्च न्यायालय पहले ही शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा चुका है। यह रोक अगली सुनवाई 24 जुलाई तक रहेगी।
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दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में पूछताछ के लिए पहला नोटिस पिछले साल 24 जुलाई को, दूसरा 22 अक्टूबर को और तीसरा 12 नवंबर को पेश होने के लिए भेजा था लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए। शर्मा छह दिसंबर को चौथी तारीख को क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए, इस दौरान आईओ ने उनसे साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की।जोधपुर से भाजपा सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस में इस साल मार्च में आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और अवैध रूप ये टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोन पर बातचीत) को रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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राजस्थान में फोन टैपिंग विवाद पिछले साल जुलाई 2020 में शुरू हुआ था। केन्द्रीय मंत्री शेखावत और कांग्रेस नेता के बीच टेलीफोन पर यह कथित बातचीत उस समय सामने आई जब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक 18 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए थे। यह आरोप लगाया गया था कि शर्मा ने बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप प्रसारित किया था, हालांकि शर्मा ने फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज किया था।
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