नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की एक दिवसीय यात्रा के दौरान अनेक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और पहली बार‘देव दीपावली’के अवसर पर उपस्थित होकर काशी की मनोरम छटा के साक्षी बने। मोदी ने देव दीपावली के आयोजन में शिरकत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा‘‘आज जब काशी की विरासत वापस लौट रही है तो ऐसा लग रहा है जैसे काशी, माता अन्नपूर्णा के आगमन की खबर सुनकर सजी—संवरी हो। लाखों दीपों से काशी के 84 घाटों का जगमग होना अछ्वुत है। गंगा की लहरों में यह प्रकाश इस आभा को और भी अलौकिक बना रहा है।‘‘
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उन्होंने कहा‘‘आज हम जिस देव दीपावली के दर्शन कर रहे हैं इसकी प्रेरणा पहले पंचगंगा घाट पर स्वयं आदि शंकराचार्य जी ने दी थी। बाद में अहिल्याबाई होल्कर जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। कहते हैं कि जब त्रिपुरासुर नामक दैत्य ने पूरे संसार को आतंकित कर दिया था तब भगवान शिव ने काॢतकी पूॢणमा के दिन उसका अंत किया था। आतंक, अत्याचार और अंधकार के उस अंत पर देवताओं ने महादेव की नगरी में आकर दीये जलाकर दिवाली मनाई थी। देवों की वह दीपावली ही देव दीपावली है।‘‘
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प्रधानमंत्री ने गुरु परब पर गुरुनानक देव को भी याद करते हुए कहा‘‘गुरु नानक देव जी ने तो अपना पूरा जीवन ही गरीब, शोषित और वंचितों की सेवा में सर्मिपत किया था। काशी का तो गुरु नानक देव जी से भी संबंध रहा है। उन्होंने एक लंबा समय काशी में व्यतीत किया था। काशी का गुरूबाग गुरुद्वारा तो उस ऐतिहासिक पल का साथी है जब गुरु नानक जी यहां पधारे थे और काशी वासियों को नई राह दिखाई थी।‘‘
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मोदी ने कहा‘‘आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। सदियों पहले बाबा के दरबार का मां गंगा तक जो सीधा संबंध था वह फिर से स्थापित हो रहा है। नेक नीयत से जब अच्छे कर्म किए जाते हैं तो विरोध के बावजूद उनकी सिद्धि होती ही है। अयोध्या में श्री राम मंदिर से बड़ा इसका दूसरा उदाहरण और क्या होगा। दशकों से इस पवित्र काम को लटकाने और भटकाने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया, कैसे-कैसे डर पैदा करने के प्रयास किए गए लेकिन जब राम जी ने चाहा लिया तो मंदिर बन रहा है।’’
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उन्होंने कहा कि काशी आज जिस तरह विकास पथ पर अग्रसर है उससे आज पूरी दुनिया का पर्यटक इस क्षेत्र की ओर देख रहा है। बनारस में काशी विश्वनाथ क्षेत्र के साथ-साथ दूसरे मंदिर और परिक्रमा पथ को भी सुधारा जा रहा है। घाटों की तस्वीर जिस तेजी से बदल रही है उसने बनारस को फिर से अलौकिक आभा दी है। यही तो प्राचीन काशी का आधुनिक सनातन अवतार है। यही तो बनारस का सदा बना रहने वाला रस है।
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मोदी ने भगवान बुद्ध का भी जिक्र करते हुए कहा‘‘भगवान बुद्ध के करुणा, दया और अङ्क्षहसा के संदेश साकार होंगे। यह संदेश आज और भी प्रासंगिक होते जा रहे हैं जब दुनिया ङ्क्षहसा अशांति और आतंक के खतरे से ङ्क्षचतित है।‘‘ इसके पूर्व, कोविड—19 महामारी के बीच पहली बार काशी आये प्रधानमंत्री ने खजूरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो के हण्डिया-राजा तालाब खण्ड का छह-लेन चौड़ीकरण कार्य को राष्ट्र को सर्मिपत किया।
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Varanasi is getting improved infrastructure on the occasion of Guru Nanak Jayanti and Dev Deepawali. This will benefit both Varanasi and Prayagraj: PM Modi in Varanasi pic.twitter.com/YJaFNnSuoh — ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2020
Varanasi is getting improved infrastructure on the occasion of Guru Nanak Jayanti and Dev Deepawali. This will benefit both Varanasi and Prayagraj: PM Modi in Varanasi pic.twitter.com/YJaFNnSuoh
उन्होंने कहा,‘दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या- क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है यह वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।‘
मोदी ने पिछली सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा, ‘एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तो घोषित होता था लेकिन एमएसपी पर खरीद बहुत कम की जाती थी, घोषणाएं होती थी, खरीद नहीं होती थी। सालों तक एमएसपी को लेकर छल किया गया है। किसानों के नाम पर बड़े- बड़े कर्ज माफी के पैकेज घोषित किए जाते थे, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक यह पहुंचते ही नहीं थे यानी कर्ज माफी को लेकर भी छल किया गया किसानों के नाम पर बड़ी- बड़ी योजनाएं घोषित होती थी लेकिन वह खुद मानते थे कि एक रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते हैं।‘
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘सफल प्रकल्प ही काफी नहीं होता। किसानों को बड़े और व्यापक बाजार का लाभ भी मिलना चाहिए। इसलिए विकल्प के माध्यम से किसानों को सशक्त करने का रास्ता अपनाया गया है, किसान हित में किए गए कृषि सुधार ऐसे ही विकल्प किसानों को देते हैं।‘
उन्होंने कहा ‘भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर है। क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेन देन को ठीक समझता है तो उस पर भी इस कानून में कहां कोई रोक लगाई गई है? नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण ही तो दिए गए हैं।‘
मोदी ने कहा, ‘पहले तो मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी माने जाते थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ अक्सर धोखा होता था, विवाद होते थे क्योंकि छोटा किसान तो मंडी पहुंच ही नहीं पता था। अब ऐसा नहीं है। अब छोटे से छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है, यानी किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और उसे धोखे से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है। उन्होंने कहा, ‘किसानों को प्रकल्प के साथ ही नए विकल्प देने से हमारे कृषि क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है। किसान के लिए विकल्प सरकार का प्रकल्प और दोनों साथ- साथ चलें तभी देश का कायाकल्प हो सकता है।’
सारनाथ पुरातत्व स्थल भी जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान के अनुसार, मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर कोरीडोर परियोजना स्थल का दौरा करेंगे और सारनाथ पुरातत्व स्थल भी जाएंगे। इसमें बताया गया कि एनएच- 19 के 73 किलोमीटर लंबे हिस्से का चौड़ीकरण किया गया है और उसे 2447 करोड़ रुपये की लागत से छह लेन का बनाया गया है जिससे प्रयागराज और वाराणसी के बीच यात्रा समय में एक घंटे की कटौती होगी।
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दीया जलाकर त्योहार की शुरुआत करेंगे पीएम वाराणसी में देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध रोशनी का पर्व बन गया है और यह कार्तिक महीने की ‘पूर्णिमा’ को मनाया जाता है। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री वाराणसी के राजघाट पर दीया जलाकर त्योहार की शुरुआत करेंगे जिसके बाद गंगा नदी के दोनों किनारों पर 11 लाख दीये जलाए जाएंगे। वह सारनाथ पुरातत्व स्थल पर ‘लाइट एंड साउंड’ शो भी देखेंगे जिसका उद्घाटन उन्होंने इस महीने की शुरुआत में किया था।
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