नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष नेताओं के साथ विस्तृत विषयों पर व्यापक बातचीत की जिसमें दोनों पक्षों ने राजनीति एवं सुरक्षा संबंध, कारोबार, वाणिज्य, संस्कृति और पर्यावरण सहित भारत-ईयू मित्रता को और प्रगाढ़ बनाने के बारे में चर्चा की । प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत के लिए यहां आगमन के बाद पहले आधिकारिक कार्यक्रम के तहत यूरोपीय परिषद अध्यक्ष चाल्र्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के ‘सार्थक चर्चा’ की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट््वीट किया, ‘‘यूरोपीय परिषद अध्यक्ष चाल्र्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के साथ सार्थक बातचीत के साथ रोम में आधिकारिक कार्यक्रम शुरू हुए। नेताओं ने पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आॢथक और लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’
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इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ अपनी बैठक को‘अछ्वुत’बताया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘यूरोपीय आयोग अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक अछ्वुत रही। हमने कारोबार, वाणिज्य, संस्कृति और पर्यावरण सहित भारत-ईयू मित्रता को और प्रगाढ़ बनाने के बारे में चर्चा की ।’’ वहीं, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष मिशेल ने ट्वीट किया कि हरित बदलाव में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने कहा, ‘‘ हरित बदलाव में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। हमने वैश्विक स्वास्थ्य और महामारी से लडऩे के उपायों, मजबूत ईयू-सामरिक गठजोड़, अफगानिस्तान की स्थिति और हिन्द प्रशांत के बारे में चर्चा की।’’ दूसरी ओर, यूरोपीय आयोग अध्यक्ष लेयेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से ‘‘मिलकर अच्छा लगा’’।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके अच्छा लगा। हमारा सामरिक एजेंडा सही राह पर है। हम इस पर सहमत हुए कि हमारे व्यापार वार्ताकार काम शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी समेत जलवायु पर अपना सहयोग मजबूत करेंगे। ङ्क्षहद-प्रशांत में सहयोग के लिए आशान्वित हैं।’’ लेयेन ने टीकाकरण में शानदार प्रगति और टीके का निर्यात फिर से शुरू करने को लेकर भारत को बधाई दी । उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में टीकाकरण में मदद के लिये साथ आने की जरूरत है। लेयेन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पिछले सप्ताह ही भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण के अभियान के तहत 100 करोड़ खुराक देने के आंकड़े को पार कर लिया ।
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बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर ‘‘व्यापक चर्चा’’ की। उन्होंने ट््िवटर पर कहा, ‘‘भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चाल्र्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की। व्यापार और निवेश संबंधों, जलवायु परिवर्तन, कोविड-19, वैश्विक तथा क्षेत्रीय घटनाक्रम पर व्यापक चर्चा की गयी।’’ वहीं, विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने मई 2021 में ईयू+27 प्रारूप में भारत-ईयू नेताओं की बैठक और जुलाई 2020 में 15वें भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के दौरान डिजिटल माध्यम से हुए सार्थक संवाद को याद किया । इसमें कहा गया है कि बैठक के दौरान भारत-ईयू सहयोग के तहत राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों , कारोबार, निवेश और आॢथक सहयोग की समीक्षा की गई और ‘रोडमैप 2025’ पर चर्चा की गई जिस पर पिछली भारत-ईयू शिखर बैठक में सहमति बनी थी । बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी तथा आपसी हितों से जुड़े समसामयिक वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की ।’’ बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोम में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा पर पुष्पांजलि अॢपत की । मोदी ने ट््वीट किया, ‘‘ रोम में मुझे महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अॢपत करने का मौका मिला जिनके आदर्शो ने दुनियाभर में लाखों लोगों को साहस और प्रेरणा दी।’’
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। पंद्रहवीं भारत-यूरोपीय संघ शिखर वार्ता डिजिटल तरीके से जुलाई 2020 में हुई थी और इसमें प्रधानमंत्री मोदी, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष लेयेन ने भाग लिया था। साल 2020 में भारत यूरोपीय संघ का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। भारत-यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020 में 65.30 अरब यूरो था।
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भारत-यूरोपीय संघ के बीच द्विपक्षीय रिश्ते 1960 की शुरुआत से ही चले आ रहे हैं। भारत 1962 में यूरोपीय आॢथक समुदाय के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। भारत-यूरोपीय संघ के बीच पहली शिखर वार्ता लिस्बन में 28 जून 2000 को हुई थी और यह दोनों के बीच संबंधों के विकास में ऐतिहासिक घटना रही। दोनों के बीच संबंध द हेग में 2004 में हुए पांचवें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान ‘‘सामरिक साझेदारी’’ तक पहुंच गए।यूरोपीय संघ एक राजनीतिक और आॢथक समूह है, जिसके 27 सदस्यीय देश मुख्यत: यूरोप के हैं।
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