नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आज देश भर में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) असम पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर आजादी के दशकों बाद भी लाखों आदिवासियों और असम के मूल निवासी परिवारों को भूमि स्वामित्व अधिकारों से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने 10 लाभार्थियों को भूमि पट्टे का आवंटन प्रमाण पत्र भेंट करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास जरूरी बताया और कहा कि इस दिशा में यह क्षेत्र भारत के एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है।
उन्होंने कोविड-19 टीकारकण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय टीकों की मांग पूरी दुनिया में हो रही है। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपना नम्बर आने पर टीका जरूर लगवाएं और सावधानी बरतना भी जारी रखें। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने भी इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी अब तक उद्घाटन और शिलान्यास से संबंधित अपने अधिकतर कार्यक्रमों में डिजिटल माध्यम से जुड़ते रहे हैं। नये साल में दिल्ली के बाहर यह पहला ऐसा कार्यक्रम है जब खुद प्रधानमंत्री इसमें शरीक हुए। उन्होंने कहा, ‘आजादी के इतने सालों बाद भी असम के मूल निवासियों को जमीन का अधिकार नहीं मिल पाया। उनकी आजीविका का संकट था लेकिन यह चिंता पहले की सरकारों की प्राथमिकता नहीं थी।’
उन्होंने कहा कि राज्य में सोनोवाल के नेतृत्व में सरकार ने इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया ताकि असम के मूल निवासियों की भाषा और संस्कृति के संरक्षण के साथ साथ भूमि से जुड़े उनके अधिकारों को सुरक्षित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीन के अधिकार की यहां के मूल निवासियों की मांग पूरी होने से लाखों लोगों का जीवन स्तर बेहतर होने का रास्ता भी बना है। उन्होंने कहा, ‘अब इनको केंद्र व राज्य सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ मिलना भी सुनिश्चित हुआ है जिनसे वे अब तक वंचित थे। अब इन्हें भी प्रधामंत्री किसान सम्मान निधि, क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की लगभग 70 छोटी बड़ी जनजातियों को सामाजिक संरक्षण देते हुए उनका तेज विकास सरकार की प्रतिबद्धता रही है और इस दिशा में असम की संस्कृति, स्वाभिमान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई तथा असमिया भाषा और साहित्य को प्रोत्साहन देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए। आत्मनिर्भर भारत के लिए पूर्वोत्तर और असम के विकास को ‘बहुत जरूरी’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में असम के विकास के लिए बहुत काम किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार असम की जरूरतों की पहचान करके हर जरूरी चीजों पर तेजी से काम कर रही है। बीते छह सालों से असम सहित पूरे पूर्वोत्तर का संपर्क और अन्य जरूरी संसाधनों में अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों का पूर्वी एशियाई देशों के साथ संपर्क बेहतर बनाया जा रहा है।
पिछले सालों में हुए विकास कार्यो का विवरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘बेहतर संसाधनों के कारण ही असम आत्मनिर्भर भारत के महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है।’ उन्होंने बताया कि लगभग पौने दो करोड़ गरीबों के जन धन बैंक खाते खोले गए इन्हीं खातों के कारण कोरोना के समय में भी असम की हजारों बहनों और लाखों किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद भेजना संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है।
उन्होंने कहा, ‘समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।’ कोरोना महामारी के खिलाफ राज्य सरकार की लड़ाई की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र किया और कहा कि देश में अब तक लाखों लोग टीका लगवा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘जिसकी बारी आए वह टीके जरूर लगवाएं और यह भी याद रखें कि टीके एक नहीं दो बार लगाने जरूरी है। पूरी दुनिया में भारत में बने टीके की डिमांड हो रही है। भारत में भी लाखों लोग अब तक टीका लगा चुके हैं। हमें टीका भी लगवाना है और सावधानी भी जारी रखनी है।’
असम में 2016 में 5.75 लाख मूल निवासी परिवार भूमिहीन थे। राज्य सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। आज का समारोह इस प्रक्रिया का अगला कदम है। सोनोवाल ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे’ दिये जाएंगे। जेरेंगा पठार का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है।
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'पराक्रम दिवस' के समारोह में होंगे शामिल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'पराक्रम दिवस' (Parakram Diwas) समारोह में शामिल होने कोलकाता जाएंगे। इस मौके पर पीएम मोदी कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे।
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बोस की जयंती पर PM ने किया नमन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली दी और कहा कि देश की आजादी के लिए उनके त्याग व समर्पण को हमेशा याद किया जाता रहेगा। मोदी ने ट्वीट किया कि महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा।
महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा। #ParakramDivas — Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2021
महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा। #ParakramDivas
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बेहद खास होगा कार्यक्रम प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर शनिवार को यूं तो देश भर में कई कार्यक्रम होंगे लेकिन गुजरात के हरिपुरा में होने वाला आयोजन बहुत खास होगा। उन्होंने लोगों से इस कार्यक्रम में जुड़ने की अपील की। नेताजी की 125वीं जयंती को इस बार सरकार ने 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है और देश भर में व्यापक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
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हरिपुरा में भी किया गया आयोजन ऐसे ही एक कार्यक्रम का आयोजन हरिपुरा में किया गया है। हरिपुरा का नेताजी के साथ गहरा नाता है। वर्ष 1938 में यहां हुए कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन में नेताजी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था। मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, 'कल भारत नेताजी की जयंती पर पराक्रम दिवस मनाएगा। देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में एक विशेष कार्यक्रम गुजरात के हरिपुरा में भी होगा। आप सभी इससे जुड़े।' उन्होंने कहा कि हरिपुरा में होने वाला कार्यक्रम नेताजी के योगदान के प्रति देश की श्रद्धांजली होगा।
May the thoughts and ideals of Netaji Subhas Chandra Bose keep inspiring us to work towards building an India that he would be proud of…a strong, confident and self-reliant India, whose human-centric approach contributes to a better planet in the years to come. pic.twitter.com/6UxeBoKJX7 — Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
May the thoughts and ideals of Netaji Subhas Chandra Bose keep inspiring us to work towards building an India that he would be proud of…a strong, confident and self-reliant India, whose human-centric approach contributes to a better planet in the years to come. pic.twitter.com/6UxeBoKJX7
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क्रांति ला दी गई प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी की जयंती पर उन्हें 23 जनवरी 2009 का वह दिन याद आ गया जब उन्होंने हरिपुरा से ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि इस योजना ने गुजरात में सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी और इसका लाभ राज्य के दू-सुदूर गांवों को भी मिला। उन्होंने कहा, 'मैं हरिपुरा के लोगों का प्यार कभी नहीं भूल सकता, जिन्होंने मोदी उस सड़क पर यात्रा निकालने का सौभाग्य प्रदान किया जिस पर 1938 में नेताजी को ले जाया गया था। उनकी यात्रा में एक सजा हुआ रथ भी शामिल था जिसे 51 बैल खींच रहे थे। मैंने उस स्थान का भी दौरा किया था जहां नेताजी ठहरे थे।'
I can never forget the affection of the people of Haripura, who took me through an elaborate procession on the same road as Netaji Bose was taken, in 1938. His procession included a decorated chariot drawn by 51 bullocks. I also visited the place where Netaji stayed in Haripura. pic.twitter.com/8OaLGZv6L5 — Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
I can never forget the affection of the people of Haripura, who took me through an elaborate procession on the same road as Netaji Bose was taken, in 1938. His procession included a decorated chariot drawn by 51 bullocks. I also visited the place where Netaji stayed in Haripura. pic.twitter.com/8OaLGZv6L5
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मोदी ने किया नमन
पीएम मोदी ने शेयर की तस्वीर उन्होंने अपने हरिपुरा दौरा से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा की। मोदी ने कहा कि नेताजी के आदर्श एक मजबूत, दृढ़ और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे। प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता में आयोजित 'पराक्रम दिवस' समारोह को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे। बंगाल दौरे पर प्रधानमंत्री नेताजी के जीवन पर आधारित एक स्थायी प्रदर्शनी और एक 'प्रोजेक्शन मैपिंग शो' का भी उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।
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