गोपेश्वर/रुद्रप्रयाग/ब्यूरो। केदारनाथ धाम में करीब 24 घंटे की आध्यात्मिक यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्वाह्न बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बद्री- विशाल के दर्शन किए। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे केदारनाथ धाम तो चार मर्तबा आ चुके, लेकिन इस अवधि में बदरीनाथ धाम की उनकी यह पहली यात्रा है। करीब पौने दो घंटे बद्रीनाथ धाम में रहने के बाद प्रधानमंत्री देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
बद्रीनाथ धाम में प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए सुबह 8 बजे से ही बद्रीनाथ मंदिर परिसर, तप्त कुंड और साकेत चौराहे से पूरे धाम को जीरो जोन घोषित कर दिया गया। तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और स्थानीय मीडिया को इस दौरान धर्मशालाओं और होटलों में ही रोक दिया गया। सुरक्षा के दृष्टिगत हेलीपैड से मंदिर तक एसपीजी के साथ ही जगह-जगह सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए थे। प्रधानमंत्री केदारनाथ से रवाना होकर करीब 10 बजे बदरीनाथ धाम स्थित हेलीपैड पहुंचे। केदारनाथ की पूजा के बाद पवित्र गुफा में ध्यान करने पहुंचे PM मोदी
इसके बाद वे मंदिर में पहुंचे, जहां उन्होंने करीब आधे घंटे तक पूजा-अर्चना की। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान बद्रीनाथ की विशेष- पूजा अर्चना कराई। बद्री- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र, विशेष प्रसाद व स्मृति चिह्न और धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने शॉल भेंट किए।
प्रधानमंत्री ने रावल, धर्माधिकारी सहित मन्दिर परिसर में मौजूद लोगों से बातचीत की। पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री कुछ देर के लिए नजदीक ही स्थित गुजरात भवन पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया।
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केदारनाथ में 17 घंटे रहे योगध्यान गुफा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे थे। यहां वे तकरीबन 24 घंटे रहे। इनमें से लगभग 17 घंटे का समय उन्होंने योगध्यान गुफा में एकांत योग साधना में व्यतीत किए। गुफा तक पहुंचने के लिए उन्होंने करीब दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़ी। शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे वे गुफा में गए थे और आज तड़के 6:30 बजे बाहर आए। यहां से वे केदारनाथ मंदिर पहुंचे और पौन घंटे तक पूजा-अर्चना की। केदारनाथ से मोदी बदरीनाथ के लिए रवाना हुए।
मीडिया से हुए मुखातिब
बद्रीनाथ के लिए रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में कुछ देर मीडिया से बातचीत की। संभवत: पहली बार उन्होंने मीडिया के दो- एक सवालों के भी जवाब दिए। सबसे पहले उन्होंने चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार संहिता के कारण उन्हें दो दिन का इस आध्यात्मिक भूमि में आने का सौभाग्य मिला।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भगवान से मांगता नहीं हूं। भगवान ने मांगने नहीं, देने योग्य बनाया है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर अप्रत्यक्ष तौर से संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 50-55 फीट बर्फ के चलते व्यवस्थाओं में दिक्कतें आती हैं, इसके बावजूद निरंतर काम चलता रहा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के लिए बने मास्टर प्लान और यहां चल रहे कार्यों का वे समीक्षा करते रहते हैं।
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