Monday, Sep 25, 2023
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pm modi''''s vasudhaiv kutumbakam: arctic will become the new land of india-russia friendship

PM मोदी का वसुधैव कुटुम्बकम्ः भारत- रूस दोस्ती की नई जमीन बनेगा आर्कटिक

  • Updated on 9/8/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। रूस के कब्जे वाला आर्कटिक क्षेत्र भारत-रूस दोस्ती की नई जमीन बन सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत देते हुए बुधवार को कहा कि भारत आर्कटिक विषयों पर रूस से भागीदारी मजबूत बनाने को इच्छुक है।

ऐसे समय में जब अमरीका और पश्चिमी देश रूस को अलग- थलग करने के लिए पूरा दबाव बनाए हुए हैं, पीएम मोदी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का जिक्र करते हुए कहा कि इसने हमें दुनिया को एक परिवार के रूप में देखना सिखाया है और आज की वैश्वीकृत दुनिया में एक हिस्से में होने वाली घटनाएं पूरी दुनिया पर प्रभाव डालती हैं। ऊर्जा के साथ, भारत ने सुदूर पूर्व क्षेत्र में औषधि और हीरे में काफी निवेश किया है।

प्रधानमंत्री ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिये सभी शांतिपूर्ण प्रयासों को पूरा समर्थन देने की बात भी दोहराई। रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत, यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत का रास्ता अपनाने की जरूरत पर जोर देता रहा है।

भारत के इस्पात उद्योग के लिये रूस कोकिंग कोयले की आपूर्ति में भागीदार हो सकता है। मोदी ने वर्ष 2019 में शिखर सम्मेलन में अपनी मौजूदगी को याद करते हुए कहा कि भारत ने उस समय अपनी ‘एक्ट फॉर-ईस्ट’ नीति की घोषणा की थी और इसके परिणामस्वरूप रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र से भारत का सहयोग बढ़ा है। 

समझें रूस की आर्कटिक नीति के मायने

मॉस्को के कब्जे वाला उत्तरी ध्रुव का आर्कटिक क्षेत्र ‘रूस की आर्कटिक नीति’ के लिए जाना जाता है। इस नीति के तहत रूस का उद्देश्य आर्कटिक क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना, वहां के इकोसिस्टम की रक्षा करना और आर्कटिक सागर को रूसी हित में परिवहन के लिए इस्तेमाल करना शामिल है। वर्तमान में रूस ने आर्कटिक में सैन्य तैनाती, बॉर्डर गार्ड और कोस्ट गार्ड की उपस्थिति को बढ़ाया है।

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