नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ करार दिया और इस ‘अमृत काल’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘पंच प्रण’ का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन है और यह पुण्य पड़ाव, एक नयी राह, एक नए संकल्प और नए सामथ्र्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है। देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी।
पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफा पहने प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है। उन्होंने कहा, ‘हमें पंच प्रण को लेकर 2047 तक चलना है। जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है।’
विकसित भारत भारत 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है। सरकार की ओर से अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है। आगे के 25 साल में विकसित भारत बना कर ही रहना है। अपनी आंखों के सामने इसे कर के दिखाना है।
गुलामी से मुक्ति गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। इस सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी हैं, इसलिए इस सोच से मुक्ति पानी ही होगी। कभी-कभी हमारी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती हैं, ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।
विरासत पर गर्व आज पूरा विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है, उसे अपेक्षा से देख रहा है तथा समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है। विश्व की सोच में यह परिवर्तन भारत की 75 साल की यात्रा का परिणाम है। यह एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामथ्र्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है।
एकता और एकजुटता भारत की विविधता का जश्न मनाने की जरूरत है। भारत लोकतंत्र की जननी है और विविधता इसकी ताकत है। हमारे देश ने साबित कर दिखाया है कि हमारे पास हमारी विविधता से एक अंतर्निहित ताकत है और राष्ट्रभक्ति का धागा भारत को अटूट बनाता है। यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है।
नागरिक कर्तव्य जब सपने बड़े होते हैं, जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है। शक्ति भी बहुत बड़ी मात्रा में जुट जाती है। आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति, संकल्प और सामथ्र्य को केंद्रित करना है।
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