नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। 5 जनवरी, 2022 को पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुी चूक का मामला थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है बता दें कि आज भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई है। वहीं पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक पर देश की राजनीति गर्म है।
तय कार्यक्रम के मुताबिक, पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर में 42 हजार 750 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की घोषणा करने वाले थे। जिसमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
लेकिन बठिंडा एयरपोर्ट से फिरोजपुर जा रहे पीएम मोदी का काफिला बीच रास्ते में रूक गया और बैरंग वापिस दिल्ली लौटना पड़ा। जानकारी के अनुसार, बठिंडा एयरपोर्ट से पीएम का काफिला सड़क मार्ग से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हुआ था और शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाइओवर पर पहुंचा तो इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर डाला और प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फंसे रहे जिसके बाद काफी मशक्कत करनी पड़ी उन्हें वहां से वापिस एयरपोर्ट तक पहुंचाने में।
इस बीच पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर देश की राजनिती गर्माई हुई है। बीजेपी इस घटना के बाद से इसे पीएम मोदी के खिलाफ बड़ी साजिश करार देकर कांग्रेस पर हमलावर है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस जगह पर पीएम मोदी का काफिला 20 मिनट तक रूका रहा वह एरिया पाकिस्तानी तोपों की रेंज में था।
5 जनवरी, 2022 का दिन जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुआ, ऐसी कई घटनायें पहले भी भारत में घट चुकी है जो अब तक रहस्यमयी बनीं हुई है। बता दें कि दशकों बीत जाने के बाद भी आज तक नेता जी सुभाष चंद्र बोष से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और होमी जहांगीर भाभा जैसे महानुभावों का निधन आज भी रहस्यमय घटना से पर्दा नहीं उठा।
सुभाष चंद्र बोस का निधन अब तक रहस्यमयी आजाद हिंद फौज के संस्थापक व महान स्वतंत्रतता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोष 18 अगस्त, 1945 को एक जापानी विमान से सफर कर रहे थे जो ओवरलोड के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना जापान अधिकृत फोर्मोसा (वर्तमान ताइवान) में हुई थी. उस हादसे में नेताजी बच गए थे या मारे गए थे, इसके बारे में आज भी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है।
शास्त्री जी की मौत से भी नहीं उठा पर्दा भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत 10 जनवरी, 1966 को पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के महज 12 घंटे बाद 11 जनवरी को रात 1: 32 बजे हो गई। बताया जाता है कि शास्त्री निधन से आधे घंटे पहले तक बिल्कुल ठीक थे, लेकिन 15 से 20 मिनट में उनकी तबीयत खराब हुई और चंद मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई।
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