Tuesday, Jun 06, 2023
-->
pm museum is full of treasures of memories

यादों के खजाने से भरा है पीएम संग्रहालय

  • Updated on 4/15/2022

नई दिल्ली। अनामिका सिंह। प्रधानमंत्री संग्रहालय देश में अब तक रहे प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों का खजाना है। तीनमूर्ति भवन के ब्लॉक नंबर 2 में नव स्थापित इस संग्रहालय में आजाद भारत के बाद अभी तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं उनका देश के विकास में क्या योगदान रहा है उसे यहां चित्रों, संग्रहित वस्तुओं और उनकी आवाज के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संग्रहालय की टिकट खरीदकर इसका वीरवार को उद्घाटन किया।
दिल्ली सरकार के वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की सेहत पर रहेगा विशेष ध्यान

युवाओं को मिलेगी इससे प्रेरणा
संग्रहालय स्थापित करने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी आदि के योगदानों को विशिष्ट माध्यम से यहां प्रदर्शित किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक की सहायता से विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्रियों के व्यक्तित्व, कृतित्व को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। संग्रहालय में जो कुछ भी प्रदर्शित किया जाएगा वह समय-समय पर बदलता रहेगा। इसके लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस को नियोजित किया गया है। होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टीमीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन आदि प्रदर्शनी सामग्री को अत्यधिक इंटरैक्टिव और आकर्षक बनने में सक्षम बनाते हैं। संग्रहालय का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है और यहां कुल 43 गैलरी हैं।
अब आईपीयू के एमबीए प्रोग्राम में 30 अप्रैल तक कर पाएंगे ऑनलाइन आवेदन

बाबू जी का रैकेट व चरखा प्रधानमंत्री ने मांगा था : सुनील शास्त्री
पीएम संग्रहालय देखकर भावुक हो गया लेकिन ये संग्रहालय देशभक्ति की भावना को जागृत कर देता है। लालबहादुर शास्त्री जी बैडमिंटन खेलने के शौकीन थे, जब भी खाली वक्त मिलता तो बैडमिंटन खेतले थे। प्रधानमंत्री ने बाबू जी का बैडमिंटन व चरखा मांगा था। बाबू जी दहेज के खिलाफ थे लेकिन जब विवाह के दौरान बहुत दबाव डाला गया तो उन्होंने सिर्फ चरखा लेने पर स्वीकृति जाहिर की थी जो आज यहां प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा एक फूलदान जो उन्हें उपहार में मिला था वो भी संग्रहालय में रखा गया है। 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.