नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इदानीर मठ के संत केशवानंद भारती (Kesavananda Bharati) के निधन पर रविवार को शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे। भारती की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था।
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आप पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे-PM पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'पूज्य केशवानंद भारती जी को हम उनकी सामुदायिक सेवा तथा शोषितों को सशक्त करने के उनके प्रयासों के लिए हमेशा याद रखेंगे। हमारे महान संविधान और भारत की समृद्ध संस्कृति से उनका गहरा लगाव था। वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। ओम शांति।'
We will always remember Pujya Kesavananda Bharati Ji for his contributions towards community service and empowering the downtrodden. He was deeply attached to India’s rich culture and our great Constitution. He will continue to inspire generations. Om Shanti: PM Narendra Modi https://t.co/HzO9qnungm pic.twitter.com/0Vcfqwe1m1 — ANI (@ANI) September 6, 2020
We will always remember Pujya Kesavananda Bharati Ji for his contributions towards community service and empowering the downtrodden. He was deeply attached to India’s rich culture and our great Constitution. He will continue to inspire generations. Om Shanti: PM Narendra Modi https://t.co/HzO9qnungm pic.twitter.com/0Vcfqwe1m1
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उपराष्ट्रपति ने भी जताया शोक इसके अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने संत केशवानंद भारती को दार्शनिक, शास्त्रीय गायक और सांस्कृतिक प्रतीक का एक दुर्लभ मेल बताया। नायडू ने कहा कि संत को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है, जिसमें व्यवस्था दी गई है कि संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता है।
स्वामी केशवानंद भारती की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 1973 में अपना ऐतिहासिक निर्णय दिया था कि संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु खो दिया है। उनका जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा। ओम शांति!#KesavanandaBharati pic.twitter.com/owruQn0CMl — Vice President of India (@VPSecretariat) September 6, 2020
स्वामी केशवानंद भारती की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 1973 में अपना ऐतिहासिक निर्णय दिया था कि संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु खो दिया है। उनका जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा। ओम शांति!#KesavanandaBharati pic.twitter.com/owruQn0CMl
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया कि कर्नाटक में पारंपरिक थिएटर विधा यक्षगान को पुनर्जीवित करने में उनका संरक्षण अहम था। उपराष्ट्रपति ने कहा, 'उनके निधन से हमने एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता खो दिया है। उनका जीवन भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगा। ओम शांति।'
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79 साल की उम्र में हुआ निधन बता दें कि केरल निवासी संत केशवानंद भारती श्रीपदगवरु का इदानीर मठ में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से 79 साल की उम्र में आज कासरगोड में निधन हो गया। उल्लेखनीय है कि चार दशक पहले भारती ने केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी, जिसपर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया और यह फैसला शीर्ष अदालत की अब तक सबसे बड़ी पीठ ने दिया था, जिसमें 13 न्यायाधीश शामिल थे।
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