नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज पंजाब फेरी पंजाब में आने के बावजूद भी सिरे नहीं चढ़ सकी। कुछ प्रदर्शनकारियों के चलते उन्हें बीच रास्ते से वापस दिल्ली लौटना पड़ा। इसे लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार भी विवादों में घिर गई है। इस मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, पंजाब कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ के साथ खास बातचीत की पंजाब केसरी से हरिश्चंद्र ने। बातचीत के प्रमुख अंशः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में सुरक्षा को लेकर आज हुई घटना पर क्या कहेंगे? जो भी हुआ, वह होना नहीं चाहिए था। इसके पीछे जो भी कारण रहे हों, जिस भी स्तर पर जो कुछ भी हुआ, उससे बचा जाना चाहिए था। वो देश के प्रधानमंत्री हैं। मैंने ट्वीट में भी लिखा प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया। उनकी सुरक्षा यकीनी होनी चाहिए। अब चाहे पुलिस की ओर से कमी रही या प्रशासन की ओर से या एस.पी.जी. की तरफ से। कुल मिलाकर बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
तो आपको कहां चूक लगती है? आज जैसा मौसम था, बिना ऐसे मौसम के भी पी.एम. के लिए वैकल्पिक रूट बनते हैं और वो भी एक नहीं, 2-3 रूट। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए कि कहां चूक हुई।
कुछ लोग कह रहे हैं कि रैली में लोग नहीं थे, इसलिए मोदी नहीं गए? रैली में लोग थे या नहीं, यह बात मायने नहीं रखती लेकिन उन्हें वहां पहुंचाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए थी।
भाजपा तो इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश बता रही है, क्या पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर अब केंद्र को बहाना नहीं मिल गया? बहाना मिला या नहीं, यह तो नहीं कहूंगा, लेकिन ये सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक शोभा नहीं देती कि ऐसा कुछ यहां हुआ। जो हुआ लापरवाही की वजह से
पी.एम. के न आने से पंजाब को कई बड़े प्रोजैक्टों का नुक्सान भी हुआ, क्या कहेंगे? प्रोजैक्टों का जो नुक्सान हुआ, वो अपनी जगह है लेकिन देश के प्रधानमंत्री आ रहे थे और लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। हमें जब रोका गया था, प्रियंका और राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश में, तब भी मैंने यही कहा था कि उन्हें जाने देना चाहिए, लोकतंत्र में रोकने का अधिकार नहीं। हालांकि वे कारण कुछ और थे, आज सुरक्षा कारणों से मोदी नहीं पहुंच पाए, इससे बचा जाना चाहिए था।
क्या ये अचानक हुआ या जानबूझ कर किया गया, जैसी कि चर्चाएं हैं? मैं नहीं समझता कि जानबूझ कर किया गया या इसके पीछे कोई जालसाज है। ये लापरवाही की वजह से हुआ है। मौसम सुबह से खराब था, ऐसे में हैलीकॉप्टर नहीं उड़ता, ये भी सबको पता है। जाना सड़क मार्ग से ही पड़ता है। बिल्कुल बॉर्डर पर पी.एम. को उतरना था इसलिए मुझे नहीं लगता कि ऐसे मौसम में कोई पायलट चांस लेता।
हाल ही में सी.डी.एस. रावत की दुर्घटना हुई थी। यह तो आम आदमी भी समझता है कि ऐसी बूंदाबांदी में हैलीकॉप्टर बॉर्डर पर पी.एम. को लेकर नहीं जाएगा। अब व्यवस्था में कमी रही या लापरवाही पर गौर नहीं किया गया। प्रधानमंत्री अपना बोल के जाते, पंजाब को जो देना था वो दे जाते, ये मुद्दा नहीं है। मसला यह है कि देश का प्रधानमंत्री 20 मिनट सड़क पर खड़ा रहा जो पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
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