नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। हिंदू कैलेंडर के अनुसार 12 दिसंबर सुबह 10 बजकर 42 मिनट से पौष का महीना शुरू हो चुका है। जिसे कई जगह मलमास या खरमास का महिना भी कहा जाता है, जिसमें किसी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस महिने में शादी ब्याह, बच्चों का मुंडन, किसी नए काम की शुरूआत समेत सभी शुभ कार्यों को करने की मनाही होता है।
पौष के बाद से शुरु होगा विवाह मुहूर्त पौष माह का अंत 14 जनवरी 2020 को मकर सक्रांति के बाद से मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। इस दिन सूर्य गुरुवार की राशि को छोड़कर मकर राशि में आ जायेंगे। जिससे सूर्य और गुरु दोनों ही प्रबल हो जाएंगे। इसके बाद से ही विवाह मुहूर्त शुरु हो जाएगा। जनवरी में शादी के लिए 16, 17, 18, 19, 20, 21,22 और इसके बाद 29, 30, 31 तारिख शुभ है।
इसेक बाद फरबरी में 3, 4, 5, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 25, 26, 27 शुभ दिन है।
मार्च में 1, 2, 3, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13
अप्रैल में 14, 15, 20, 25, 26, 27
मई में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 10, 12, 17, 18, 19, 23, 24, 29 जून में 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 30 नवंबर में 26, 30 और दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9, 11 तारिख शुभ है।
खरमास नाम के पिछे का कारण बता दें कि पौष माह में सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है। खरमास नाम के पिछे एक वजह है माना जात है कि इस समय सूर्य का रथ का घोड़ा गधे का हो जाता है इस गधे का नाम खर है इसलिए इस माह को खरमास कहा जाता है।
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