नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायु सेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुनिंदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेजा है। चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। इस बीच वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के दावे को झूठा करार दिया है, जिसमें वह कह रही हैं कि फ्रांस की कंपनी और एचएएल के बीच डील नहीं हो पाई थी। भूषण ने इसके लिए अपने ट्वीट में वीडियो शेयर भी किया है।
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Liars! Sitharaman says HAL/Dassault deal for 126 Rafales with tech transfer & Make-in-India of 108 Rafales by HAL fell through because HAL& Dassault couldn't work together under UPA. Totally false says Eric Trappier, CEO of Dassault. HAL/Dassault deal was withdrawn by Modi govt pic.twitter.com/ayeKezknCc — Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 15, 2020
Liars! Sitharaman says HAL/Dassault deal for 126 Rafales with tech transfer & Make-in-India of 108 Rafales by HAL fell through because HAL& Dassault couldn't work together under UPA. Totally false says Eric Trappier, CEO of Dassault. HAL/Dassault deal was withdrawn by Modi govt pic.twitter.com/ayeKezknCc
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प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'झूठे! सीतारमण कहती हैं कि एचएएल और डिसॉल्ट के बीच तकनीक ट्रांसफर के साथ 126 राफेल ट्रांसपर, साथ ही 108 मेक इन इंडिया राफेल डील यूपीए शासन में फेल हो गई थी। यह बिल्कुल झूठ है, डिसॉस्ट के सीईओ एरिक ट्रेपियर करते हैं कि एचएएल और डिसॉल्ट के बीच करार मोदी सरकार की ओर से वापस लिया गया था।'
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और अधिक राफेल विमानों को शामिल करने की तैयारी राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायु सेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुनिंदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेजा है। चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से, ऐसे 36 विमान खरीदने के लिए करार किया था।
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अधिकारियों ने कहा कि वायु सेना के कई दल जनवरी से अब तक फ्रांस का दौरा कर भारत केंद्रित शस्त्र प्रणालियों को शामिल करने सहित, राफेल परियोजना की प्रगति का अवलोकन कर चुके हैं। वायु सेना के राफेल परियोजना प्रबंधन दल का एक दफ्तर पेरिस में है जिसके प्रमुख ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एयर स्टाफ के सहायक प्रमुख (परियोजना) के नेतृत्व में विशेषज्ञों का एक दल इस सप्ताह की शुरुआत में फ्रांस पहुंचा था।
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राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को वायु सेना में शामिल किया गया था। वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि 2023 तक सभी 36 राफेल विमान वायु सेना में शामिल कर लिये जाएंगे। अभी तक भारत को दस राफेल लड़ाकू विमानों की आपूॢत की जा चुकी है जिनमें से पांच विमानों को वायु सेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए फ्रांस में रोका गया है।
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