Friday, Sep 29, 2023
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prashant bhushan now shares modi minister manohar parrikar video on rafale deal rkdsnt

राफेल डील को लेकर प्रशांत भूषण ने अब पर्रिकर का वीडियो किया शेयर

  • Updated on 10/16/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale aircrafts) के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायु सेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुनिंदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेजा है। चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। इस बीच वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। इसके लिए वह मोदी सरकार के मंत्रियों के बयानों के वीडियो शेयर कर रहे हैं। 

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कल प्रशांत ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के दावे को झूठा करार दिया है, जिसमें वह कह रही हैं कि फ्रांस की कंपनी और एचएएल के बीच डील नहीं हो पाई थी। भूषण ने इसके लिए अपने ट्वीट में वीडियो शेयर भी किया था। प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'झूठे! सीतारमण कहती हैं कि एचएएल और डिसॉल्ट के बीच तकनीक ट्रांसफर के साथ 126 राफेल ट्रांसपर, साथ ही 108 मेक इन इंडिया राफेल डील यूपीए शासन में फेल हो गई थी। यह बिल्कुल झूठ है, डिसॉस्ट के सीईओ एरिक ट्रेपियर करते हैं कि एचएएल और डिसॉल्ट के बीच करार मोदी सरकार की ओर से वापस लिया गया था।' 

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वरिष्ठ वकील व सामाजिक कार्यकर्ता भूषण ने अपने आज के ट्वीट में मोदी सरकार के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के वीडियो को शेयर किया है, जिसमें वह राफेल विमान डील के दामों का खुलासा कर रहे हैं। अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण लिखते हैं, 'मोदी के रक्षा मंत्री पर्रिकर कह रहे हैं कि प्रति राफेल विमान की कीमत 700 करोड़ होगी और सभी अतिरिक्त साजोसमान के साथ 126 विमानों की कीमत एक लाख करोड़ होगी, जो यूपीए की डील थी। लेकिन मोदी ने इसे बदलकर 36 विमानों के लिए 60,000 करोड़ या 1600 करोड़ में एक राफेल का सौदा किया। लेकिन, मोदी कहते हैं कि उन्होंने सस्ते में हासिल किया है।' 

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और अधिक राफेल विमानों को शामिल करने की तैयारी
राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायु सेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुङ्क्षनदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेजा है। चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से, ऐसे 36 विमान खरीदने के लिए करार किया था। 

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अधिकारियों ने कहा कि वायु सेना के कई दल जनवरी से अब तक फ्रांस का दौरा कर भारत केंद्रित शस्त्र प्रणालियों को शामिल करने सहित, राफेल परियोजना की प्रगति का अवलोकन कर चुके हैं। वायु सेना के राफेल परियोजना प्रबंधन दल का एक दफ्तर पेरिस में है जिसके प्रमुख ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एयर स्टाफ के सहायक प्रमुख (परियोजना) के नेतृत्व में विशेषज्ञों का एक दल इस सप्ताह की शुरुआत में फ्रांस पहुंचा था। 

राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को वायु सेना में शामिल किया गया था। वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि 2023 तक सभी 36 राफेल विमान वायु सेना में शामिल कर लिये जाएंगे। अभी तक भारत को दस राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है जिनमें से पांच विमानों को वायु सेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए फ्रांस में रोका गया है। 

 

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