Thursday, Mar 30, 2023
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यूपी में वकील से दुर्व्यवहार पर प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल, हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

  • Updated on 12/29/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तरप्रदेश के एटा जिले में एक वकील के साथ पुलिस द्वारा कथित रूप से अत्याचार किए जाने और वकील के परिजनों से दुव्र्यवहार करने के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से इस घटना की रिपोर्ट आठ जनवरी, 2021 तक पेश करने को कहा।  इससे पहले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने इस मद्दे पर सवाल उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था।

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मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश विधिज्ञ परिषद (यूपी बार काउंसिल) द्वारा भेजे गए एक पत्र पर यह आदेश पारित किया। शीतकालीन अवकाश के दौरान इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, 'विधिज्ञ परिषद के पत्र में उल्लिखित तथ्यों पर विचार करने के बाद हमें एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से इस घटना की एक संपूर्ण रिपोर्ट तलब करना उचित प्रतीत होता है। 

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सीजेएम को सभी संबंधित दस्तावेजों के आधार पर आवश्यक जांच कर इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई की तिथि पर या उससे पूर्व इस अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया जाता है।' पीठ ने अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया है कि उत्तरप्रदेश विधिज्ञ परिषद ने इस अदालत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में 21 दिसंबर, 2020 को एटा में घटित घटना के संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। 

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पत्र के मुताबिक, 'एटा में वकालत कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा के साथ पुलिस ने मारपीट की और अधिवक्ता के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया। मुख्य न्यायाधीश के सचिवालय को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से भी इसी मुद्दे पर एक पत्र प्राप्त हुआ है। कुछ अन्य अधिवक्ताओं ने भी ई-मेल से इस मामले पर नाराजगी जाहिर की है।' 

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अदालत ने एटा के जिला प्रशासन को भी निर्देश दिया कि एटा के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीजेएम का सहयोग करेंगे और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे जिससे सीजेएम इस घटना की रिपोर्ट इस अदालत को पेश कर सकें।

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