Tuesday, Sep 26, 2023
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प्रवासियों मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान पर प्रशांत भूषण ने ली राहत की सांस

  • Updated on 5/26/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है। इस मुद्दे पर खुद ही संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि सरकार ने मजदूरों के मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं। सरकारों को गुरुवार तक जवाब देने को कहा गया है। इसको लेकर वरिष्ठ वकील व सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने राहत भरी प्रतिक्रिया दी है। 

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प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता, भेजा नोटिस

उन्होंने कहा है, 'प्रवासियों मजदूरों के बहुत से मामलों में आंखें बंद करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान पर नोटिस लिया है! शायद सभी ओर से हो रही आलोचना के बाद यह बदलाव आया हो। चलिए उम्मीद करते हैं कि यह मामला 'देर आए दुरुस्त आए' वाला हो। देश सांस रोके इसको भी देखेगा।' 

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बता दें कि इससे पहले भी मजदूरों के मुद्दे पर कई याचिकाएं दायर की गई थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया था, या उनकी सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि कोई मजदूर सड़कों पर नहीं है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए थे। 

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दरअसल, प्रवासी मजदूरों की दिक्कतें लॉकडाउन शुरू होते ही बढ़ गई थीं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सरकार से उनकी देखभाल को लेकर याचिका दायर हुई थी। लेकिन, उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की बातों पर यकीन कर याचिका को खारिज कर दिया था। लेकिन, कई राज्यों के हाई कोर्ट ने अपने राज्यों को मजदूरों के संबंध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। 

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दरअसल, बस और रेल यातायात खुलने के बावजूद कई लोग अपने घर जाने के दौरान मर चुके हैं। अभी भी मजदूर पैदल चलने को मजबूर हैं। जो ट्रेन चलाई गई हैं, वे भी अपना रुट भटक चुकी हैं और ऐसे में मजदूरों का सफर एक-दो दिन की बजाए हफ्ते में बदल गया है। लोग भूखे-पियासे रहने को मजबूर हैं। 

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