Saturday, Dec 09, 2023
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Preparation for major action on illegal ground water exploitation

अवैध भूजल दोहन पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, एनओसी के लिए उपभोक्ताओं को 7 दिन की मोहलत

  • Updated on 11/20/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जनपद में बिना अनुमति भूजल दोहन होने पर जिला प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया है। सभी भूजल उपयोगकर्ताओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने की हिदायत दी गई है। सप्ताहभर के भीतर एनओसी प्राप्त न करने पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके पहले 8 आरओ प्लांट को सील किए जाने के आदेश जारी हो चुके हैं। गाजियाबाद जिले में भूजल स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है।

अवैध भूजल दोहन पर रोक ना लगने से स्थिति चिंताजनक बन गई है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्तर प्रतिवर्ष घट रहा है। इसके परिणाम पेयजल संकट के तौर पर सामने आ रहे हैं। जिलाधिकारी एवं जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का कहना है कि भूजल दोहन से पूर्व उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। उप्र भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 में इसके लिए प्रावधान किया गया है।

कोई भी उपभोक्ता भूगर्भ जल विभाग के वेब पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदन के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया जाता है। उन्होंने कहा है कि सभी भूजल उपयोगकर्ता 7 दिन में एनओसी लेना सुनिश्चित कर लें। निर्धारित अवधि के उपरांत नियमानुसार कार्रवाई आरंभ कर दी जाएगी।

ऐसे में दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। डीएम ने घरेलू, समूह आवासीय सोसाइटी, शहरी क्षेत्रों में सरकारी जल आपूर्ति एजेंसियों, थोक जल आपूर्ति कर्ता, स्विमिंग पूल, खेल परिसर, सरकारी कार्यालय भवन, स्कूल-कॉलेज एवं हॉस्पिटल इत्यादि में भूजल के उपयोग के लिए एनओसी की अनिवार्यता बताई है।

8 आरओ प्लांट बंद कराने के आदेश
जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक में भी अवैध भूजल दोहन का मुद्दा जोर-शोर से उठ चुका है। इस दौरान डीएम ने भोवापुर गांव में अवैध रूप से संचालित 8 आरओ प्लांट को सील करने के आदेश दिए थे। त्रिस्तरीय जांच में इन प्लांट का संचालन गैरकानूनी पाया गया था।
 

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