Thursday, Sep 21, 2023
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चुनाव आयुक्त पद से अशोक लवासा का इस्तीफा राष्ट्रपति ने किया स्वीकार

  • Updated on 8/19/2020


नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयुक्त के पद से अशोक लवासा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय की बुधवार को जारी अधिसूचना से यह जानकारी मिली। लवासा ने मंगलवार को चुनाव आयुक्त के पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति भवन को भेज दिया था। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘... राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है जो 31 अगस्त 2020 से प्रभावी होगा।’’ लवासा मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने की कतार में भी थे। 

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सूत्रों ने बताया कि वह एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के उपाध्यक्ष के रूप में जल्द ही पदभार ग्रहण करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह सितम्बर में फिलीपीन स्थित एडीबी में पद ग्रहण करेंगे। गौरतलब है कि एडीबी ने पिछले महीने एक बयान में कहा था, ‘‘एडीबी ने अशोक लवासा को निजी क्षेत्र के संचालन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी खंड के लिए उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।’’ वह दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। 

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लवासा को अक्टूबर 2022 में सेवानिवृत्त होना था। लवासा ऐसे दूसरे चुनाव आयुक्त है जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इनसे पहले 1973 में सीईसी नागेन्द्र सिंह ने हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने के बाद इस्तीफा दे दिया था। लवासा का इस्तीफा ऐसे समय में सामने आया है जब चुनाव आयोग कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है। 

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लवासा 23 जनवरी, 2018 को चुनाव आयुक्त बने थे और वह मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने की कतार में भी थे। आयोग में वरिष्ठतम होने के नाते वे अगले वर्ष अप्रैल में मुख्य चुनाव आयुक्त बन सकते थे जब वर्तमान सीईसी सुनील अरोड़ा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। लवासा साल 2019 में लोकसभा चुनाव के समय उस समय सुर्खियों में आए थे, जब चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लिनचीट देने को लेकर उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के समक्ष असहमति का नोट दिया था।

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