नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एनआरसी (NRC) और सीएए (CAA) के विरोध में जामिया के छात्र-छात्राओं और बड़ी संख्या में शाहीन बाग और आसपास के स्थानीय लोगों ने संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ रैली के तहत जंतर-मंतर तक मार्च किया। इस मौके पर जंतर-मंतर पर एक सभा करके बीजेपी सरकार से काले कानून को रद करने की मांग की गई।
जंतर-मंतर पर काले कानून के खिलाफ विरोध दर्ज वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस रैली में महिलाओं के साथ अन्य लोगों ने जंतर-मंतर पर मार्च कर काले कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। सभा में लोगों ने कहा कि जब तक सरकार इस काले कानून को रद्द नहीं करती है, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। डब्ल्यूपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एसक्यूआर इलियास ने एनआरसी और सीएएए से होने वाले दुष्प्रभावों को समझाया और उन्हें संवैधानिक, विभाजनकारी व भेदभावपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जब तक लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तब तक विरोध समाप्त नहीं होना चाहिए।
57 दिनों से शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन बता दें कि शाहीन बाग में पिछले 57 दिनों से सीएए और एनआरसी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। वहीं प्रदर्शन की वजह से सरिता विहार से आने वाली सड़क बंद है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने एक अंतिम यात्रा (अर्थी) को निकलने के लिए रास्ता भी दिया। वहां लगे बेरिकेड को प्रदर्शनकारियों ने हटाया। चुनाव खत्म होते ही शाहीन बाग से चप्पे-चप्पे से पुलिस का पहरा हटा दिया है। वहीं अब स्थल पर चेकिंग भी पहले की तरह नहीं हो रही है। रविवार होने की वजह से प्रदर्शनस्थल पर लोगों की संख्या ठीक-ठाक दिखी। शाम होते ही लोगों की भीड़ बढ़ती गई। इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर पब्लिक लेक्चर का आयोजन भी किया गया।
जामिय में भी लगातार प्रदर्शन वहीं, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के प्रदर्शनकारी छात्रों ने शुक्रवार को मतदान के लिए मौलाना आजाद जौहर मार्ग खाली कर दिया था, लेकिन मतदान खत्म होने के साथ ही शनिवार को ही प्रदर्शनकारियों ने गेट नं. 7 पर दोबारा प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं रविवार को सुबह से प्रदर्शन स्थल पर लोगों की संख्या कम थी, लेकिन दोपहर के बाद आसपास के क्षेत्रों से लोग हाथों में तिरंगा लेकर भारी संख्या में पहुंचे।
शनिवार को रास्ता खाली होने से लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिली थी, लेकिन रविवार को रास्ता बंद होने के कारण आने जाने वाले लोगों को फिर से समस्या का सामना करना पड़ा। वहीं प्रदर्शन स्थल पर कई सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता भी पहुंचे। पूरे दिन नारेबाजी के साथ प्रदर्शन चलता रहा। वहीं छात्र लगातार अपनी कला से जामिया की दीवारों पर कलाकारी कर रहे हैं।
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