Tuesday, Oct 03, 2023
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देश के लिए गौरवपूर्ण हैं यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति का सदस्य बनना : रेड्डी

  • Updated on 7/7/2022

नई दिल्ली। टीम डिजिटल। देश के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण हैं। भारत को यूनेस्को-2003 के कंवेंशन की अंतर सरकारी समिति में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए सदस्य के रूप में चुना गया है। इसके लिए अंतरसरकारी समिति के चुनाव सम्मेलन की 9वीं महासभा के दौरान 5 से 7 जुलाई 2022 को पेरिस स्थित यूनेस्को मुख्यालय में हुई। उक्त जानकारी केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी ने दी।
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155 राज्य दलों से भारत को मिले 110 वोट
रेड्डी ने बताया कि एशिया पेसिफिक ग्रुप के भीतर खाली होने वाली चार सीटों के खिलाफ 6 देशों भारत, बांग्लादेश, वियतनाम, कंबोडिया, मलेशिया और थाईलैंड ने अपनी उम्मीदारी प्रस्तुत की थी। इसमें भातर को 155 राज्य दलों से 110 वोट मिले। मालूम हो कि यूनेस्को 2003 कंवेशन के अंतर सरकारी समिति में 24 सदस्य होते हैं और इसे समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व और रोटेशन के सिद्धांतों के अनुसार आम सभा में चुना जाता है। समिति के सदस्य 4 साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं। समिति का कार्य सर्वोत्तम प्रथाओं पर मार्गदर्शन प्रदान करना और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के उपायों पर सिफारिशें करना शामिल होता है। जिसमें समिति अमूर्त विरासत के शिलालेख के साथ ही कार्यक्रमों और परियोजनाओं के प्रस्तावों के लिए राज्यों की पार्टियों द्वारा प्रस्तुत अनुरोधों की भी जांच करती है।
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पहले भी दो बार भारत रह चुका है सदस्य
इससे पहले भी भारत दो बार अंतर सरकारी समिति का सदस्य रह चुका है। सबसे पहले साल 2006 से 2010 तक और दूसरी बार 2014 से 2018 तक अब तीसरी बार साल 2022 से 2026 तक का कार्यकाल होगा। बता दें कि भारत ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण तैयार किया है। भारत ने साल 2005 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कंवेंशन की पुष्टि की थी। 

दुर्गा पूजा के बाद गरबा के लिए भारत ने किया है नामांकन प्रस्तुत
मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में 14 शिलालेखों के साथ भारत उच्च स्थान पर है। साल 2021 में दुर्गा पूजा के बाद भारत ने 2023 में चर्चा के लिए गुजरात के गरबा के लिए नामांकन प्रस्तुत किया है।

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