नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब को 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजैक्ट देने फिरोजपुर आ रहे थे लेकिन बठिंडा से फिरोजपुर जाते समय प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता जाम करने के कारण वह पहुंच नहीं पाए। अब इस मसले पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर देश की राजनीति गर्मा गई है।
भाजपा ने जहां पंजाब की कांग्रेस सरकार को निशाने पर ले लिया है, वहीं अकाली दल और आम आदमी पार्टी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस में भी कई नेताओं ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा की पंजाब में सहयोगी पंजाब लोक कांग्रेस के प्रधान व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में पूरी तरह से नाकामी के लिए चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। इसी मुद्दे पर बात की पंजाब केसरी से हरिश्चंद्र ने। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश :
पी.एम. सुरक्षा में सेंध की कोशिश की घटना पर क्या कहेंगे? यह बिल्कुल अस्वीकार्य और शर्मनाक है। यह हमारी पंजाबी संस्कृति की मूल भावना के खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी हमारे मेहमान थे। वह 50,000 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट लेकर आए थे। सरकार ने जानबूझ कर इसे बाधित किया।
आप इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं? नि:संदेह पंजाब सरकार को यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह किसी को भी फुल प्रूफ सुरक्षा प्रदान करे और इससे भी अधिक, यह हमारे प्रधानमंत्री हैं जो राज्य का दौरा कर रहे थे।
लोकल पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी कितनी कहेंगे? पुलिस राज्य सरकार के इशारे पर काम करती है। उन्हें उसके अनुसार निर्देश दिया गया होगा और उन्होंने वैसा ही काम किया।
क्या आपको लगता है कि इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश हो सकती है? मैं इसे राजनीतिक साजिश भी नहीं कहूंगा। यह घटिया और छोटी मानसिकता है।
आप भी सी.एम. रहे हैं, क्या प्रोटोकॉल होता है पी.एम. की स्टेट विजिट पर, जो आज नहीं दिखा? हर मिनट की पूरी डिटेल का ध्यान रखा जाता है। आखिर देश के प्रधानमंत्री को कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत फुल प्रूफ सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इसके अलावा वह पाकिस्तान के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीक सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर थे।
इस मसले पर किस तरह की कार्रवाई होनी चाहिए और किस पर? सबसे पहले आपको इस सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है। इस सरकार ने शासन करने का नैतिक और संवैधानिक अधिकार खो दिया है। यह चूक बहुत गंभीर है।
क्या पंजाब के कानून व्यवस्था के हालात वाकई इतने खराब हो गए हैं कि पी.एम. भी फिरोजपुर सुरक्षित नहीं जा पाए? आप खुद पता लगा सकते हैं। यह बहुत स्पष्ट है और किसी भी संदेह से परे है। उनके न आने से पंजाब को ही नुक्सान हुआ, क्योंकि जिन प्रोजैक्टों के लिए वह आए थे, वहां पहुंच ही नहीं पाए। मैं प्रधानमंत्री मोदी को लंबे समय से जानता हूं। निश्चित तौर पर वह उन परियोजनाओं को नहीं छोड़ेंगे, जिन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
यही बात उन्हें दूसरों से ऊपर बनाती है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने कार्यक्रमों को बाधित करने के लिए घटिया और सस्ते हथकंडे अपनाए। मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के हित में इन योजनाओं को सिरे चढ़ाएंगे जो देश हित में भी हैं।
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