नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद (India China Border Dispute) को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारत और फ्रांस (France) के राफेल विमान अगले महीने यानी जनवरी में अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच होने वाले इस युद्धाभ्यास को स्काईरोज कोडनेम वाले वारगेम्स के तहत राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किया जाएगा। सीमा विवाद को लेकर चीन से जारी गतिरोध के बीच ये शक्ति प्रदर्शन अपने आप में काफी अहम हो हो जाता है।
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दिन ब दिन मजबूत होते भारत-फ्रांस के संबंध मालूम हो कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 12 अगस्त को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) से टेलीफोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद, उग्रवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस को भारत के पूर्ण समर्थन की बात दोहराई। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान मोदी ने हाल ही में फ्रांस में हुए आतंकवादी हमले को लेकर शोक भी जताया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत-फ्रांस की साझेदारी एक ऐसी ताकत है जो हिंद-प्रशांत समेत पूरे विश्व की भलाई के लिए है।
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वैश्विक मुद्दों पर भी हुई थी चर्चा पीएमओ ने उस दौरान जानकारी देते हुए कहा कि बातचीत के दौरान मोदी और मैक्रों ने पारस्परिक हित वाले अन्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की साथ ही दोनों नेताओं ने कोविड-19 टीके की उपलब्धता और पहुंच में सुधार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग, डिजिटल अर्थव्यवस्था और साइबर सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की।
जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर संतोष जताया। इसके साथ ही वे कोरोना दौर के बाद मिलकर काम करते रहने पर भी सहमती जताई है।
फ्रांस में बढ़ता आतंकवादी हमला गौरतलब है कि फ्रांस में पिछले कुछ समय से आतंकवादी हमले बढ़ गए है और इस साल अक्टूबर में भी देश में कई आतंकवादी हमले हुए। हमले में एक शिक्षक की एक कट्टरपंथी युवक द्वारा गला रेत कर हत्या कर दी गई थी।
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वहीं देश के नीस शहर में एक चर्च में भी हमला हुआ था जहां ट्यूनिशिया के एक नागरिक ने तीन लोगों को चाकू मार दिया था। बढ़ते आतंकवादी हमलों को देखते हुए देश के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक कट्टरपंथ पर लगाम लगाने के लिए सभी तरह के आवश्यक कदम उठाने की बात कही है जिसमें देश में सुरक्षा बढ़ाना और कट्टरपंथियों की गतिविधियों पर नजर रखने जैसे कदम शामिल है। ऐसे में अब भारत और फ्रांस आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट होकर सामना करने के तैयारी कर चुके हैं। दोनों देशों के बीच हो रहा ये शक्ति प्रदर्शन भी इसी बात का उदाहरण हैं।
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