नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया है कि उन्हें सदन में जवाब देने का अधिकार है, क्योंकि उनके खिलाफ सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने पूरी तरह से निराधार और अनुचित आरोप लगाए हैं।
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उन्होंने बिरला को लिखे पत्र में नियम 357 का हवाला दिया और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद रविशंकर प्रसाद का उदाहरण दिया कि प्रसाद ने बतौर मंत्री संसद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से की गई टिप्पणी का जवाब देने के लिए इस नियम का हवाला दिया था। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं आपसे फिर ऐसा ही आग्रह कर रहा हूं। मैं संसद की परिपाटी, संविधान में निहित नैसर्गिक न्याय, नियम 357 के तहत आपसे अनुमति मांग रहा हूं।''
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उन्होंने कहा कि मंत्रियों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर उन्हें नियम 357 के तहत जवाब देने की अनुमति मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने बिरला को यह पत्र 18 मार्च को लिखा था। ब्रिटेन से लौटने के बाद राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह बिरला से मुलाकात की थी। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस नेता ने विदेशी धरती से भारत का अपमान किया है और भारत में विदेशी हस्तेक्षप का आग्रह किया है।
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