नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाली कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) केंद्र की मोदी सरकार (Modi govt) पर लंबे समय से सवालिया निशान खड़े करते आए हैं। उन्होंने, भारतीय अर्थव्यवस्था की मंदी रफ्तार, भारता-चीन सीमा विवाद, देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की दुर्गति, बेरोजगारी और केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों जैसे कई अहम मुद्दों पर मोदी सरकार का घेराव किया, तो कई मौकों पर भाषा की मर्यादा को तार-तार करते हुए विवादित बयान दिए जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया गया। आइए एक नजर डालते हैं साल 2020 में दिए गए राहुल के विवादित बयानों पर...
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राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर दिया विवादित बयान राहुल के विवादित बयानों की इस खास पेशकश की शुरूआत करते हैं फरवरी 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव से, जहां प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीजेपी पर हमला बोलते-बोलते विवादित बयान दे बैठे। उन्होंने कहा कि ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है, 6 महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। हिंदुस्तान का युवा इसको (पीएम नरेंद्र मोदी) ऐसा डंडा मारेंगे कि समझा देंगे कि युवा को रोजगार दिए बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता।' राहुल के इस बयान से देश का राजनीति में घमासान मच गया, मामला इतना बढ़ गया कि केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने राहुल ने पलटवार कर उन्हें पीएम मोदी से माफी मांगने के लिए कहा।
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केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर किया पलटवार राहुल के इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर लिखा है, 'चुनावी मेंढक की तरह छह महीने बाद दिल्ली में नजर आए राहुल गांधी। ऐसे टर्रटर्राए कि भूल गए कि उनके पिताजी भी कभी देश के प्रधानमंत्री थे! लेकिन विपक्ष में बैठी संस्कारी भाजपा ने कभी उनके लिए ऐसे अपशब्द इस्तेमाल नहीं किया। धिक्कार है आप पर कि आपको कोई संस्कार देने वाला न मिला।'
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राहुल गांधी का ऐसा ही एक विवादित बयान उस समय सामने आया जब पूरे देश में शोक की लहर थी। दरअसल, भारत-चीन विवाद के बीच 15-16 जून की रात गलवान घाटी में एलएसी पर तैनात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहिद हो गए थे। राहुल मोदी सरकार पर तंज कसते हुए भूल गए कि वो न सिर्फ भारत सरकार का अपना कर रहे हैं बल्कि भारतीय सेना के साहस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। राहुल ने कहा, 'चीन की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि वो हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या कर सके। बिना हथियारों के हमारे सैनिकों को वहां शहीद होने के लिए किसने भेजा।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल पर किया पलटवाल राहुल ने अपने इस ट्वीट के बहाने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। उनके इस ट्वीट को लेकर विवाद इनता बढ़ गया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुरंत उनके सवाल का जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा, 'सीमा पर तैनात सभी जवान हथियार लेकर चलते हैं। खासकर पोस्ट छोड़ते समय भी उनके पास हथियार होते हैं। 15 जून को गलवान में तैनात जवानों के पास भी हथियार थे, लेकिन 1996 और 2005 के भारत-चीन संधि के कारण लंबे समय से ये प्रैक्टिस चली आ रही है कि फैस-ऑफ के दौरान जवान बंदूक़ का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
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पीएम मोदी ने दिया चीन को कारारा जवाब राहुल के इस ट्वीट के बाद पीएम मोदी ने चीन को कारारा जवाब देते हुए कहा कि, मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा हमारे लिए भारत की अंखड्ता और संप्रभुत्ता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए, उन्होंने कहा कि भारत उकसाने पर हरहाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है, और हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के संदर्भ में देश को इस बात पर गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं।
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