Tuesday, Mar 21, 2023
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rahul gandhi''''s wayanad mp''''s office vandalized, 8 sfi workers detained

राहुल गांधी के वायनाड सांसद ऑफिस में तोड़फोड़, SFI के 8 कार्यकर्ता हिरासत में

  • Updated on 6/25/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केरल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड स्थित कार्यालय के बाहर सत्ताधारी दल माकपा की विद्यार्थी शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के विरोध मार्च ने शुक्रवार को तब हिंसक रूप ले लिया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोकसभा सदस्य के कार्यालय में कथित रूप से घुसकर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी।       इस घटना की मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

गांधी के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कलपेट्टा में स्थित कार्यालय में एसएफआई द्वारा ‘हिंसा के कृत्य’ की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस पार्टी ने राज्यभर में प्रदर्शन किया, जो कुछ क्षेत्रों में हिंसक हो गया। वनों के आसपास बफर जोन के मुद्दे पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए एसएफआई कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को वायनाड जिले के कलपेट्टा में कांग्रेस सांसद के कार्यालय की ओर एक विरोध मार्च निकाला और कार्यालय में कथित तौर पर तोडफ़ोड़ की। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसकी व्यापक निंदा की है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जानकारी में वायनाड के सांसद के कार्यालय में तोडफ़ोड़ की गई। वहीं, विजयन ने कड़े शब्दों में कहा कि राज्य सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक विरोध के लिए जगह सुनिश्चित करती है, लेकिन इसका हिंसा में बदल जाना एक गलत प्रथा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी हमले की निंदा की। येचुरी ने ट्वीट किया, ‘केरल के वायनाड में आज जो कुछ हुआ, उसकी कड़ी निंदा करता हूं। केरल के मुख्यमंत्री ने पहले ही इसकी निंदा कर दी है। पुलिस ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।’

पुलिस ने कहा कि सांसद कार्यालय के सामने हंगामे के बाद करीब आठ लोगों को हिरासत में लिया गया और घटना में कुछ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि, ‘अभी तक आठ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें थाने लाया गया है। कलपेट्टा एसआई सहित कुछ पुलिसकर्मी मार्च के बाद पथराव में घायल हो गए।’ कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि घटना के समय सांसद कार्यालय में मौजूद तीन कर्मचारियों पर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हमला किया।

पार्टी ने बताया कि गांधी ने फोन पर उनसे बात की है और उनका हालचाल पूछा। टेलीविजन चैनल ने लोगों के कार्यालय में प्रवेश करने और हंगामे के दृश्य प्रसारित किए। कांग्रेस ने राज्यभर में प्रदर्शन किया और कोट्टायम सहित कुछ स्थानों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया। वामदल के कार्यकर्ताओं ने मार्च को बाधित करने की कोशिश की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल ने हमले की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जानकारी में कार्यालय में तोडफ़ोड़ की गई।

तिरुवनंतपुरम में केपीसीसी कार्यालय में वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, ‘केंद्र में भाजपा सरकार से लडऩे के बजाय, माकपा बफर जोन के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला कर रही थी। मुख्यमंत्री ‘एसएफआई अपराधियों’ द्वारा नियोजित इस हिंसा के लिए जवाबदेह हैं। पार्टी हमले की कड़ी निंदा करती है।’

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, ‘वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक विरोध के लिए जगह है, लेकिन इस तरह के विरोध के हिंसक रूप लेने की गलत प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।’

केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन ने मुख्यमंत्री के आश्वासन का स्वागत किया, लेकिन उनकी ईमानदारी पर संदेह जताया। सुधाकरन ने कहा कि उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे। सुधाकरन ने कहा, ‘यदि माकपा अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने में विफल रहती है, तो हम यह भी जानते हैं कि जवाबी कार्रवाई कैसे की जाती है।’

 विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि हमला अराजकता और गुंडागर्दी दिखाता है। सतीसन ने ट्वीट किया, ‘वायनाड में राहुल गांधी के कार्यालय पर एसएफआई के गुंडों द्वारा भयानक हमला। यह अराजकता और गुंडागर्दी है। माकपा एक संगठित माफिया में बदल गयी है। हमले की कड़ी निंदा करता हूं।’

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व घोषणा के गांधी के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला गया। एसएफआई ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन करते हुए आरोप लगाया कि गांधी केरल के पहाड़ी इलाकों में जंगलों के आसपास बफर जोन के मुद्दे में हस्तक्षेप करने में विफल रहे।

हालांकि, घटना से दो घंटे पहले ही वायनाड के सांसद ने बफर जोन पर सर्वोच्च अदालत के फैसले से प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र पोस्ट किया था। शीर्ष अदालत के हाल में आये एक आदेश में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास एक किलोमीटर के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) के रखरखाव को अनिवार्य किया गया है। 

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