Monday, Dec 04, 2023
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Rahul Gandhi said it important to know caste statistics of India After caste based statistics Bihar

बिहार में जाति आधारित आंकड़े आने के बाद राहुल गांधी बोले- भारत के आंकड़े जानना भी जरूरी

  • Updated on 10/2/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े सामने आने के बाद सोमवार को कहा कि देश के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है और जिनकी जितनी आबादी है, उन्हें उनका उतना हक मिलना चाहिए। उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी, एससी और एसटी 84 प्रतिशत हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ़ 3 ओबीसी हैं, जो भारत का मात्र 5 प्रतिशत बजट संभालते हैं!'' राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ - ये हमारा प्रण है।'' 

बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं। बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है। इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं। 

जल्द राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराए केंद्र: कांग्रेस 
कांग्रेस ने बिहार की जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर जल्द से जल्द इस तरह की गणना करानी चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी जनगणना आवश्यक हो गई है। 

उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बिहार सरकार ने राज्य में कराए गए जाति आधारित सर्वे के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस पहल का स्वागत करते हुए और कांग्रेस सरकारों द्वारा कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इसी तरह के पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी मांग दोहराती है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राष्ट्रीय जाति जनगणना कराए।'' रमेश ने कहा, ‘‘संप्रग-2 सरकार ने वास्तव में इस जनगणना के कार्य को पूरा कर लिया था, लेकिन इसके नतीजे मोदी सरकार ने जारी नहीं किए। सामाजिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों को मज़बूती प्रदान करने और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी जनगणना आवश्यक हो गई है।'' 

बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं। बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है। इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं। 

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